जॉब छोड़ने की कर रहे हैं प्लानिंग? जानिए रिजाइन देने के बाद आप Corporate Health Insurance को कैसे रख सकते हैं जारी

Corporate Health Insurance कंपनियाँ अपने सभी कर्मचारियों के लिए समूह स्वास्थ्य बीमा खरीदती हैं और कुछ समूह स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां कर्मचारियों के परिवारों के लिए भी कवरेज प्रदान करती हैं। यह स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के आधार पर अस्पताल के खर्च मातृत्व कवर एम्बुलेंस कवर और बहुत कुछ कवर करता है। जानिए जॉब छोड़ने के बाद अपने कॉरपोरेट हेल्थ इंश्योरेंस का क्या करें।

By Gaurav KumarEdited By: Publish:Wed, 25 Oct 2023 08:30 AM (IST) Updated:Wed, 25 Oct 2023 08:30 AM (IST)
जॉब छोड़ने की कर रहे हैं प्लानिंग? जानिए रिजाइन देने के बाद आप Corporate Health Insurance को कैसे रख सकते हैं जारी
अपने कॉरपोरेट हेल्थ इंश्योरेंस को व्यक्तिगत में पोर्ट करवा कर आगे भी जारी रख सकते हैं।

HighLights

  • कंपनी अपसे हेल्थ इंश्योरेंस के लिए अतिरिक्त पैसा नहीं लेती है।
  • IRDAI के मुताबिक आप ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस से व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस में स्विच कर सकते हैं।
  • स्विच करने के बाद आप हेल्थ पॉलिसी को अपने हिसाब से सेलेक्ट कर सकते हैं।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अगर आप किसी कंपनी में जॉब करते हैं तो आपकी कंपनी आपको हेल्थ इश्योरेंस जरूर देती होगी। आपको यह लाभ एम्पलॉय बेनिफेट पैकेज के तहत दिया जाता है जिसमें कंपनी अपसे एक अतिरिक्त पैसा भी नहीं लेती है।

कंपनिया अपने सभी कर्मचारियों का हेल्थ इंश्योरेंस ग्रुप में खरीदती है और कुछ ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस, कर्मचारियों के परिवार को भी कवर प्रदान करती है। इन हेल्थ इंश्योरेंस में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च, मातृत्व कवरेज, एम्बुलेंस कवरेज और पॉलिसी के हिसाब से और भी बहुत कुछ शामिल होता है।

जॉब तक ही रहती है पॉलिसी

कंपनी द्वारा दी जाने वाली पॉलिसी तब तक ही रहती है जब तक आप उस कंपनी में जॉब कर रहे हैं। कंपनी हर कर्मचारी का अलग-अलग हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लेती बल्कि साथ में ही ग्रुप में ही एक साथ अपने सभी कर्मचारियों का हेल्थ कवर लेती है।

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इसलिए कॉरपोरेट हेल्थ इंश्योरेंस के नियम और शर्तें जरूर पढ़े और साथ ही यह भी देखें की आपको कितना कवरेज दिया जा रहा है। चलिए अब जानते हैं कि अगर आप नौकरी छोड़ देते हैं तो आपके ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस का क्या करना चाहिए।

ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस को व्यक्तिगत में बदलवाएं

भारतीय बीमा नियामक विकास और प्राधिकरण (आईआरडीएआई) द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, आप एक ही बीमाकर्ता के साथ ग्रुप प्लान से व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा में स्विच कर सकते हैं। हालांकि आपको व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस में अधिक प्रीमियम देना पड़ सकता है।

जब आप स्विच करते हैं तो आपकी वेटिंग पीरियड भी व्यक्तिगत हेल्थ कवर में ट्रांसफर हो जाती है। हालांकि ग्रुप इंश्योरेंस में वेटिंग पीरियड नहीं होता। ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस की अपनी एक सीमा है जैसे मान लीजिए आपको किसी वैक्सीनेशन की जरूरत है लेकिन ग्रुप पॉलिसी में वो कवर नहीं है तो आपको परेशानी आ सकती है।

इसके अलावा हो सकता है कि ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस में आपको नो-क्लेम बोनस, क्रिटिकल इलनेस जैसे बिमारियों का कवर भी ना मिले। हालांकि स्विच करने के बाद आप इस पॉलिसी को अपने हिसाब से सेलेक्ट कर सकते हैं।

कैसे करें स्विच?

अपनी जॉब छोड़ने से कम से कम 45 दिन पहले अपने बीमाकर्ता को आवेदन दे कि आपको ग्रुप पॉलिसी से व्यक्तिगत पॉलिसी चाहिए। हालांकि अगर आप ऐसा करना भूल जाते हैं तो आपके पास लास्ट वर्किंग डे से पांच दिन का समय रहता है जब आप ऐसा कर सकते हैं।

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आवदेन में आप अपने पसंद की पॉलिसी की भी मांग कर सकते हैं। आवेदन जमा करने के बाद बीमा कंपनी आपको 15 दिनों के भीतर सूचित करेगी कि आप अपनी पसंद के पॉलिसी के लिए पात्र हैं या नहीं।

एक बार जब आप अपने पसंदीदा प्लान के लिए प्रीमियम का भुगतान कर देते हैं तो पॉलिसी सक्रिय हो जाती है। इस तरह आप अपने कॉरपोरेट हेल्थ इंश्योरेंस को व्यक्तिगत में पोर्ट करवा कर आगे भी जारी रख सकते हैं।

 

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