Term Plan लेने से पहले जान लें कि रेग्युलर टर्म प्लान लें या रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान, दोनों में से क्‍या है फायदे का सौदा

Term Plan ही एकमात्र ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसी है जो आपको ज़रूर खरीदनी चाहिए क्योंकि इसमें आपको बेहद कम कीमत पर बड़ा कवरेज मिलता है। PC pixabay.com

By Manish MishraEdited By: Publish:Tue, 25 Aug 2020 10:51 AM (IST) Updated:Wed, 26 Aug 2020 07:50 AM (IST)
Term Plan लेने से पहले जान लें कि रेग्युलर टर्म प्लान लें या रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान, दोनों में से क्‍या है फायदे का सौदा
Term Plan लेने से पहले जान लें कि रेग्युलर टर्म प्लान लें या रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान, दोनों में से क्‍या है फायदे का सौदा

नई दिल्‍ली, संतोष अग्रवाल। जीवन की अनिश्चितताएं और अनहोनी घटनाओं का डर लाइफ इंश्योरेंस खरीदने के लिए पर्याप्त कारण बनता है। जीवन में कभी भी एक दुर्घटना या कोई गंभीर बीमारी होने से आपके परिवार पर अचानक एक बड़ी आर्थिक मुसीबत आ सकती है। लाइफ इंश्योरेंस इसी वक्त आपके परिवार की सुरक्षा करता है। घर के कमाने वाले सदस्य की मृत्यु हो जाने पर अगर लाइफ इंश्योरेंस मौजूद रहे, तो आपको आर्थिक स्थिरता भी हासिल होती है। कुल मिलाकर लाइफ इंश्योरेंस आपके आश्रितों को आपकी मौत होने पर आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है, जो ज़रूरत के मुताबिक एकमुश्त राशि या नियमित किश्तों में दी जाती है।

जीवन में देनदारियां बढ़ने और आश्रितों के कारण लोगों को अब टर्म प्लान में निवेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। यह कवर खरीदने वाले लोग वो होते हैं, जो बाल-बच्चे वाले होते हैं या फिर उन्होंने कोई कर्ज लिया होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि टर्म प्लान ही एकमात्र ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसी है जो आपको ज़रूर खरीदनी चाहिए क्योंकि इसमें आपको बेहद कम कीमत पर बड़ा कवरेज मिलता है। अब तो आप 99+ वर्ष की उम्र तक के लिए टर्म इंश्योरेंस खरीद सकते हैं, जो कुछ साल पहले तक संभव नहीं था। 

रेग्युलर टर्म प्लान

एक प्योर टर्म इंश्योरेंस प्लान वह होता है, जो एक पूर्व निश्चित वर्षों की अवधि के लिए कवरेज प्रदान करता है। यह अवधि 5 से 45 वर्ष के बीच कुछ भी हो सकती है। इस प्लान में पॉलिसीधारक के नॉमिनी को मेन प्लान बेनिफिट यानि सम एश्योर्ड मिलने का अधिकार रहता है, जो पॉलिसी अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर दिया जाता है। लेकिन इस प्लान में कोई भी मैच्योरिटी यानि परिपक्वता रकम देने का नियम नहीं है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर प्लान की अवधि समाप्त होने पर पॉलिसीधारक ज़िंदा रहता है तो उसे कोई भी लाभ नहीं मिलेगा। एक प्योर लाइफ इंश्योरेंस प्लान वह होता है, जो प्लान की अवधि (यानि जीवन भर) के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर सम एश्योर्ड का लाभ प्रदान करे। जैसा कि इसके नाम से जाहिर है, प्योर इंश्योरेंस प्लान एक व्यक्ति को उसके पूरे जीवनभर संपूर्ण इंश्योरेंस कवरेज प्रदान करता है। 

प्योर टर्म इंश्योरेंस प्लान (Term Insurance Plan) का कोई भी आर्थिक नगद मूल्य नहीं होता और यह एक सामान्य इंश्योरेंस प्लान है जो सिर्फ पॉलिसीधारक को मृत्यु लाभ यानि डेथ बेनिफिट पेश करता है। प्योर टर्म इंश्योरेंस का बड़ा फायदा यह है कि यह बाज़ार में उपलब्ध सबसे किफायती कीमत वाला इंश्योरेंस प्रोडक्ट है। इसमें आपको प्रीमियम की निश्चित दर के साथ पॉलिसी अवधि तक कवरेज मिलने का फायदा होता है। 

टर्म इंश्योरेंस – रिटर्न ऑफ प्रीमियम (Term Insurance - Return of Premium)

यह टर्म इंश्योरेंस के साथ आने वाला लोकप्रिय विकल्प है। रिटर्न ऑफ प्रीमियम (ROP) इंश्योरेंस का मतलब यह हुआ कि आपके द्वारा चुकाए गए सभी प्रीमियम आपको मैच्युरिटी बेनिफिट के रूप में वापस मिल जाते हैं। एक पॉलिसी ग्राहक के रूप में आप अपनी ज़रूरतों के अनुसार पॉलिसी की अवधि चुन सकते हैं। आमतौर पर भारतीय ग्राहक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों से कुछ न कुछ रिटर्न की उम्मीद ज़रूर रखते हैं, फिर चाहे यह उनके द्वारा चुकाए गए प्रीमियम की राशि ही क्यों ना हो। जो निवेशक रिटर्न की अधिक उम्मीद करते हैं उनके लिए ROP एक पैसा वसूल पॉलिसी है। एक निवेशक के रूप में आप अपनी आर्थिक स्थिति के हिसाब पॉलिसी का टर्म या अवधि तय कर सकते हैं।

आमतौर पर यह पॉलिसी 20, 25, 30 और 40 वर्ष के लिए उपलब्ध होती है। उदाहरण के लिए, अगर आपने 20 वर्ष की अवधि का एक लोन ले रखा है, तो आप 20 वर्ष की अवधि का टर्म लाइफ प्लान खरीद सकते हैं। अगर पॉलिसी अवधि के दौरान आपको कुछ हो जाता है, तो आपको अपने लोन की चिंता करने की ज़रूरत नहीं होगी। वहीं, अगर आप पॉलिसी अवधि के बाद जीवित रहते हैं, तो आपके द्वारा चुकाई गई सभी प्रीमियम की 100% राशि आपको वापस मिल जाएगी। 

एक रिटर्न ऑफ प्रीमियम प्लान के मैच्युरिटी या सर्वाइवल बेनिफिट सामान्य टर्म पॉलिसी से काफी अलग होते हैं। एक ROP प्लान में पॉलिसीधारक जितने वर्षों तक इंश्योरेंस कवर में रहता है, उसे उतने ही प्रीमियम वापस मिलते हैं। वहीं, कई ऐसे प्लान भी हैं जिनमें इंश्योरेंस कंपनी ग्राहक द्वारा चुकाए गए प्रीमियम की कुल राशि से अधिक का भुगतान करती है, लेकिन इसके लिए पॉलिसीधारक को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। इसके अलावा, पॉलिसीधारक को मिलने वाली पूरी मैच्‍योरिटी राशि टैक्स मुक्त होती है। 

प्रीमियम भुगतान

ग्राहकों की सुविधा के लिए इंश्योरेंस कंपनियों ने प्रीमियम भुगतान के विभिन्न विकल्प शुरु किये हैं। अब आप अपनी आर्थिक स्थिति के हिसाब से एक सुविधाजनक भुगतान विकल्प चुन सकते हैं। बाज़ार में इस वक्त मौजूद स्टैंडर्ड प्रीमियम भुगतान विकल्पों में वार्षिक, अर्द्ध-वार्षिक, त्रैमासिक और मासिक भुगतान विकल्प शामिल हैं। वहीं, कुछ इंश्योरेंस कंपनियां एक सिंगल प्रीमियम भुगतान विकल्प भी देती हैं, जिसमें आप पॉलिसी की संपूर्ण अवधि के लिए एक बार में ही प्रीमियम चुका सकते हैं। 

(लेखिका पॉलिसीबाजार डॉट कॉम में लाइफ इंश्‍योरेंस की चीफ बिजनेस ऑफिसर हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)

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