Budget 2019: नौकरी को बढ़ावा देने के लिए सरकार बजट में कर सकती है ये 5 उपाय

देश में नौकरी को बढ़ावा देने के लिए सरकार पांच महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है। हम इस खबर में उन्हीं पांच बातों का जिक्र कर रहे हैं

By NiteshEdited By: Publish:Mon, 24 Jun 2019 12:35 PM (IST) Updated:Mon, 24 Jun 2019 02:48 PM (IST)
Budget 2019: नौकरी को बढ़ावा देने के लिए सरकार बजट में कर सकती है ये 5 उपाय
Budget 2019: नौकरी को बढ़ावा देने के लिए सरकार बजट में कर सकती है ये 5 उपाय

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। 5 जुलाई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश होगा। इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। नई सरकार की योजना अर्थव्यवस्था को 2024 तक 5 लाख करोड़ डॉलर तक ले जाने की है। इसके लिए यूनियन बजट में लगभग 8 फीसद वार्षिक वृद्धि के लिए एक स्ट्रेटजी की दरकार होगी। इससे 80-90 लाख नई नौकरियां आएंगी, जिससे न केवल हमारे कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि उनकी जरूरत भी पूरी होंगी। देश में नौकरी को बढ़ावा देने के लिए सरकार पांच महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है। हम इस खबर में उन्हीं पांच बातों का जिक्र कर रहे हैं।

पहला, छोटी इकाइयों पर अनुपालन का भारी बोझ है, इन्हें सालाना 60,000 संभावित अनुपालन और कम से कम 3000 फाइलिंग्स की जटिलताओं से गुजरना होता है। सरकार को चाहिए कि वह उद्यमों/कर्मचारियों के बीच पेपरलेस, कैशलेस, प्रेजेंसलेस व्यवस्था की शुरुआत करे ताकि अनुपालन के बोझ को कम किया जा सके।

दूसरा, निरीक्षणों और निरीक्षकों के तनाव को कम करने के लिए आयकर के सभी विभागों में ई-असेसमेंट की व्यवस्था शुरू की जानी चाहिए। यह MSME की उत्पादकता बढ़ाएगा, जिससे उन्हें अधिक वेतन के साथ रोजगार पैदा करने की क्षमता और प्रोत्साहन मिलेगा।

अनुपालन बोझ को कम करने के लिए एमसीए की ओर से शुरू की गई AGILE फॉर्म प्रक्रिया को विभागों में बढ़ाया जाना चाहिए। सिंगल फॉर्म ने बैकेंड में छह विभागों को एकीकृत किया, एक नई कंपनी और उसके कर्मचारियों को जीएसटी, ईएसआईसी और ईपीएफओ के साथ रजिस्टर्ड करके सीधे औपचारिक प्रणाली में शामिल किया। देश में नए व्यवसाय शुरू करने और संचालन के बोझ को कम करने के लिए यूनिवर्सल एंटरप्राइज नंबर की आवश्यकता है। फ़िलहाल, एक उद्यम को विभिन्न सरकारी विभागों के साथ दो दर्जन से अधिक संख्याओं के लिए रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है। एक नंबर रहेगा तो कंपनियों के लिए कागजी कार्रवाई का बोझ कम होगा और सरकार के लिए ट्रैकिंग अनुपालन आसान हो जाएगा।

चौथा, फिलहाल 25,000 रुपये तक मासिक वेतन वाले कर्मचारियों के लिए वैधानिक कटौती, सकल वेतन का 40 फीसद तक कम कर सकती है। इसमें नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों का घाटा है। कम वेतन वाले कर्मचारियों द्वारा योगदान को या तो वैकल्पिक बनाया जा सकता है, या सब्सिडी दी जा सकती है। पीएमआरपीवाई (प्रधानमंत्री रोजगार योजना) ने अब तक अच्छा काम किया है और इसे तीन साल के लिए बढ़ाया जाना चाहिए।

पांचवां, अपने कार्यबल को पूरा करने की समस्या को ठीक करने का सबसे तेज़ तरीका अप्रेंटिसशिप है। हालांकि, अपेक्षित संख्या में सब्सिडी देने की सरकार की क्षमता बहुत ही अपर्याप्त है। हमें अपने अर्थव्यवस्था के लिए 15 मिलियन अपरेंटिस की आवश्यकता है, सब्सिडी के बजाय हमें एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता है जो अप्रेंटिसशिप को प्रोत्साहित करे। हालांकि, ये सभी सुधार बहुत जल्दी तो नहीं हो सकते हैं, लेकिन इसकी शुरुआत की जा सकती है। 

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