चीनी उत्पादन 2.99 करोड़ टन पर पहुंचा, जानिए कंपनियों को अब तक कितने टन चीनी के निर्यात का मिला है अनुबंध

चीनी उद्योग के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने सोमवार को कहा कि मार्केटिंग सत्र 2020-21 में अप्रैल तक देश का चीनी उत्पादन 2.99 करोड़ टन तक पहुंच गया है। चीनी मिलों ने अब तक 54-55 लाख टन के निर्यात के लिए अनुबंध किया है।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 08:39 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 08:39 AM (IST)
चीनी उत्पादन 2.99 करोड़ टन पर पहुंचा, जानिए कंपनियों को अब तक कितने टन चीनी के निर्यात का मिला है अनुबंध
महाराष्ट्र में उत्पादन पिछले वर्ष के 60.9 लाख टन से बढ़कर इस बार 1.05 करोड़ टन हो गया।

नई दिल्ली, पीटीआइ। चीनी उद्योग के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने सोमवार को कहा कि मार्केटिंग सत्र 2020-21 में अप्रैल तक देश का चीनी उत्पादन 2.99 करोड़ टन तक पहुंच गया है। चीनी मिलों ने अब तक 54-55 लाख टन के निर्यात के लिए अनुबंध किया है। इसमें से 35 लाख टन का निर्यात किया गया है, और इस महीने के अंत तक 10 लाख टन और निर्यात किए जाने की उम्मीद है। एथनॉल के बारे में इस्मा ने कहा कि चीनी मिलों ने इस साल के 19 अप्रैल तक ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को 117.72 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति की है, जबकि उनसे कुल अनुबंध 302.53 करोड़ लीटर का हुआ है।

चीनी उत्पादन के नवीनतम आंकड़े जारी करते हुए इस्मा ने कहा कि देशभर की चीनी मिलों ने वर्ष 2020-21 के मार्केटिंग सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में अक्टूबर-अप्रैल अवधि के दौरान 2.99 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया है। इस्मा ने मार्केटिंग सत्र 2020-21 में चीनी उत्पादन 3.02 करोड़ टन होने का अनुमान जताया है, जो पिछले सत्र के 2.74 करोड़ टन से लगभग 10 फीसद अधिक है।इस्मा के अनुसार देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन इस साल अप्रैल तक 1.05 करोड़ टन से थोड़ा कम है। पिछले वर्ष समान अवधि में यह उत्पादन 1.16 करोड़ टन था। 

देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक महाराष्ट्र में उत्पादन पिछले वर्ष के 60.9 लाख टन से बढ़कर इस बार 1.05 करोड़ टन हो गया। तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक कर्नाटक में चीनी उत्पादन इस साल अप्रैल तक बढ़कर 41.6 लाख टन हो गया, जो एक वर्ष पहले की इसी अवधि में 33.8 लाख टन था।

इन प्रमुख उत्पादक राज्यों की अधिकतर चीनी मिलों द्वारा अगले एक पखवाड़े में अपना परिचालन बंद करने की आशंका है। कर्नाटक में जुलाई के शुरू होने वाले विशेष सत्र में कुछ चीनी मिलें काम कर सकती हैं। बिहार, पंजाब, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, राजस्थान और ओडिशा ने पहले ही पेराई कार्य बंद कर दिया है, जबकि आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में एक-एक मिल चल रही है।चीनी निर्यात के बारे में इस्मा ने कहा कि इस वर्ष के दौरान अनिवार्य निर्यात और घरेलू बिक्री के लिए आवंटित चीनी के कोटे की अदला-बदली के सरकार के फैसले का सकारात्मक असर दिखा है।

chat bot
आपका साथी