काले धन को लेकर भारत की सख्ती से सहमे स्विस बैंक

काला धन को लेकर भारत के नए कानून से कई स्विस और यूरोपीय बैंक खासे डर गए हैं। उन्होंने भारतीय ग्राहकों से यह कहना शुरू कर दिया है कि वे भारत के टैक्स अधिकारियों के सामने अपने खातों के बारे में खुलासा करें। ये बैंक काले धन को बढ़ावा देने

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Mon, 31 Aug 2015 12:03 AM (IST) Updated:Mon, 31 Aug 2015 03:30 AM (IST)
काले धन को लेकर भारत की सख्ती से सहमे स्विस बैंक

ज्यूरिख। काला धन को लेकर भारत के नए कानून से कई स्विस और यूरोपीय बैंक खासे डर गए हैं। उन्होंने भारतीय ग्राहकों से यह कहना शुरू कर दिया है कि वे भारत के टैक्स अधिकारियों के सामने अपने खातों के बारे में खुलासा करें। ये बैंक काले धन को बढ़ावा देने का आरोपी बनाए जाने को लेकर भयभीत हैं।

इन बैंकों में स्विट्जरलैंड और लंदन मुख्यालय वाले बैंक शामिल हैं। ये बैंक एनआरआइ समेत अपने भारतीय ग्राहकों को विदेश में जमा अघोषित संपत्तियों का खुलासा करने के लिए टैक्स विभाग द्वारा घोषित 'वन टाइम कम्प्लायंस विंडो' का लाभ उठाने को कह रहे हैं। अपने काले धन का खुलासा करने के लिए यह खिड़की 30 सितंबर तक खुली है। इनमें से कुछ बड़े वित्तीय संस्थानों के एक्जीक्यूटिव ने कहा कि ये बैंक अपने ग्राहकों से नया हलफनामा देने को भी कह रहे हैं। इस शपथपत्र में ग्राहकों को लिखना होगा कि वे अपने देश में सभी कानूनों का पालन कर रहे हैं। साथ ही अपने खातों के धन पर सभी टैक्स अदा कर रखे हैं। स्विस बैंकों को काले धन की जन्नत माना जाता है।

नए कानून के तहत विदेश में अघोषित संपत्तियों का खुलासा करने के लिए तीन महीने की अनुपालन खिड़की (कम्प्लायंस विंडो) उपलब्ध कराई गई है। यह मियाद अगले महीने समाप्त हो रही है। अगर इस दौरान भारतीय विदेश में जमा अघोषित संपत्ति का खुलासा करते हैं तो 30 प्रतिशत कर और इतना ही जुर्माना लगाकर उन्हें छोड़ दिया जाएगा। इस तरह वे कानूनी कार्रवाई से बच जाएंगे। इस अनुपालन खिड़की की मियाद खत्म होने के बाद अघोषित विदेशी संपत्ति रखने वालों को 30 प्रतिशत आयकर देना होगा। इसके अलावा उस पर 90 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा। साथ में ऐसे लोगों को 10 साल तक की जेल की सजा भी होगी।

नए कानून में कर चोरी को उकसाने वालों को भी दंडित करने का प्रावधान है। यह प्रावधान हर उस व्यक्ति या फर्म लागू होगा जो किसी भी तरह से दूसरे व्यक्ति को इस कानून के तहत देय कर से जुड़े ऐसे खाते या ब्योरे के बारे में गलत बयानी के लिए उकसाता है, जिसके बारे में वह जानता है कि यह ब्योरा या घोषणा झूठ है। ऐसे व्यक्ति को जुर्माने के अलावा छह माह से सात साल तक की सजा हो सकती है।

काली कमाई वापस लाने की कोशिश

भारत सरकार स्विट्जरलैंड और अन्य देशों में भारतीयों द्वारा जमा काले धन को वापस लाने के प्रयास में जुटी है। नया कानून और कंप्लायंस विंडो भी इसी कोशिश का हिस्सा है। भारत सरकार ने एचएसबीसी की जेनेवा शाखा में खाता रखने वाले अपने नागरिकों के मामले में कार्रवाई पहले ही शुरू कर रखी है। भारतीय अधिकारियों ने एचएसबीसी को इस मामले में सहयोग नहीं करने के आरोप में कार्रवाई के नोटिस भेजे हैं।

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