RBI Repo Rate Hike: त्योहारों में महंगे कर्ज का उठाना पड़ेगा बोझ, बैंकों के पास इसके अलावा कोई चारा नहीं

RBI Repo Rate Hike इस बार रेपो रेट में की गई पूरी की पूरी वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर डाला जाएगा यानी होम लोन व आटो लोन 0.50 फीसद महंगे होंगे। त्योहारी सीजन में नई वृद्धि का ज्यादा असर होगा।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Publish:Fri, 30 Sep 2022 02:13 PM (IST) Updated:Fri, 30 Sep 2022 02:13 PM (IST)
RBI Repo Rate Hike: त्योहारों में महंगे कर्ज का उठाना पड़ेगा बोझ, बैंकों के पास इसके अलावा कोई चारा नहीं
RBI Repo Rate Hike: Customers will have to bear the burden of expensive loans during festivals

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। मौजूदा त्योहारी मौसम में बैंकों से कर्ज लेकर अपना घर, गाड़ी या इलेक्ट्रोनिक्स उपकरण खरीदने वाले ग्राहकों को अब थोड़ी ज्यादा मासिक किस्त चुकानी होगी। वजह यह है कि शुक्रवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए रेपो रेट में 0.50 फीसद की एक और वृद्धि कर दी है। दुनिया के दूसरे केंद्रीय बैंक जिस रफ्तार से कर्ज को महंगा कर रहे हैं उसे देखते हुए आरबीआइ से भी यही उम्मीद थी।

अप्रैल, 2022 के बाद रेपो रेट में आरबीआइ की तरफ से की गई यह चौथी वृद्धि है जो बताती है कि देश में मंहगाई की समस्या कितनी गंभीर है। नई वृद्धि के बाद रेपो रेट 5.90 फीसद हो गई है। रेपो रेट में वृद्धि के बाद बैंक होम लोन, आटो लोन व दूसरे व्यक्तिगत कर्ज की दरों को बढ़ा देंगे। पिछले तीन महीनों में होम लोन और आटो लोन की दरें अमूमन एक फीसद से 1.25 फीसद तक फीसद तक बढ़ चुकी हैं।

क्या होता है रेपो रेट

रेपो रेट वह दर होता है जिस पर बैंक अपना अतिरिक्त धन आरबीआइ के पास जमा कराते हैं और इसमें वृद्धि व कमी करके केंद्रीय बैंक महंगाई को थामने की कोशिश करता है। रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों के लिए अतिरिक्त फंड को कर्ज वितरण में इस्तेमाल करने के बजाय आरबीआइ के पास रखना सही लगता है, इसलिए वो कर्ज कम बांटते हैं।

नई वृद्धि का होगा  ज्यादा असर 

हालांकि शुक्रवार की मौद्रिक नीति से पहले भी आरबीआइ ने मई व जून में रेपो रेट में कुल मिला कर 1.40 फीसद की वृद्धि की थी लेकिन इसके बावजूद बैंकों से कर्ज वितरण में 16.2 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है जो बताता है कि अभी तक कर्ज को महंगा करने का बाजार पर कोई खास असर नहीं हुआ है। लेकिन जानकारों का कहना है कि नई वृद्धि का ज्यादा असर होगा, खास तौर पर तब जब रीयल एस्टेट कंपनियां, बैंक, आटो कंपनियां, एनबीएफसी, इलेक्ट्रोनिक्स उपकरण बनाने वाली कंपनियां त्योहारी सीजन में ग्राहकों को लुभाने की कोशिश में हैं।

देश की दिग्गज बैंकिंग कंपनियों जैसे एसबीआइ, पीएनबी, आइसीआइसीआइ, एक्सिस बैंक के अधिकारियों ने दैनिक जागरण को बताया है कि उनके पास कर्ज को महंगा करने के अलावा और कोई चारा नहीं है। असलियत में मई के बाद तीन बार की वृद्धि का पूरा बोझ ग्राहकों को पर नहीं डाला गया है। इस दौरान आरबीआई ने रेपो रेट को 4 फीसद से बढ़ा कर 5.40 फीसद किया था। इस दौरान बैंकों ने 20 वर्ष की परिपक्वता अवधि के होम लोन की दरों में एक फीसद से 1.25 फीसद की वृद्धि की है।

ग्राहकों पर पड़ेगा बोझ

इस बार रेपो रेट में की गई पूरी की पूरी वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर डाला जाएगा यानी होम लोन व आटो लोन 0.50 फीसद महंगे होंगे। इस वृद्धि से होम लोन (20 वर्ष की अवधि वाली) की मासिक किस्त 35 रुपये प्रति लाख और आटो लोन की इएमआइ 24 रुपये प्रति लाख बढ़ने की उम्मीद है। अगर मई के बाद की बढ़ोतरी को एक साथ जोड़ें तो पिछले चार महीनों में एक आम ग्राहक पर होम लोन की मासिक किस्त पर 105 रुपये प्रति लाख रुपये और आटो लोन की किस्त पर 85 रुपये प्रति लाख का अतिरिक्त बोझ पड़ चुका है।

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