Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    RBI Repo Rate Hike: आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया महंगाई से लड़ने का फॉर्मूला, जानिए कब मिलेगी राहत

    RBI Repo Rate Hike देश में मुद्रास्फीति पिछले 8 महीनों से केंद्रीय बैंक के अधिकतम ऊपरी सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। इसको देखते हुए कई तरह के शंकाएं जाहिर की जा रही हैं। इन सबके बीच आरबीआइ गवर्नर ने बताया है कि महंगाई से कब निजात मिलेगी।

    By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Fri, 30 Sep 2022 01:24 PM (IST)
    Hero Image
    RBI Repo Rate Hike: Governor Shaktikanta Das explains how to get relief from inflation

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। RBI Monetary Policy: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2013 की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति के लगभग 6 प्रतिशत के ऊपर रहने की आशंका है। लेकिन आरबीआइ गवर्नर शक्तिकांत दास दास ने मौद्रिक नीति समिति के फैसलों के एलान करते हुए महंगाई को काबू में करने के उपायों की घोषणा की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले के बारे में बताते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में हालिया सुधार अगर जारी रहता है तो मुद्रास्फीति में राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 23 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

    कब कम होगी महंगाई

    आरबीआइ गवर्नर ने कहा है अगर वैश्विक कमोडिटी की कीमतों में हाल के दिनों में होने वाला सुधार जारी रहता है तो आने वाले महीनों में लागत पर दबाव कम हो सकता है। इससे महंगाई में कमी आनी शुरू हो जाएगी। अभी मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत के आसपास है और हमें उम्मीद है कि साल की दूसरी छमाही में यह 6 प्रतिशत पर बनी रहेगी।

    गवर्नर ने कहा कि वैश्विक परिस्थितियों के कारण मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ रहा है। इस कारण विकसित दशों और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं दोनों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। हालांकि भारत इनमें से कई अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर स्थिति में है।

    मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए रेपो रेट बढ़ाना जरूरी

    दास ने यह भी कहा कि यदि मुद्रास्फीति को बने उच्च स्तर पर बने रहने दिया जाता है, तो इसका विपरीत प्रभाव दूसरी चीजों पर पड़ेगा। मौद्रिक नीति को नीतिगत दरों और तरलता की स्थिति के हिसाब से बदला जाता है। आरबीआइ का कैलिब्रेटेड एक्शन मुद्रास्फीति में होने वाली बढ़ोतरी के अनुकूल है। इसके लिए मौद्रिक नीति निर्माताओं को सतर्क रहना चाहिए।

    कितनी हुई बढ़ोतरी

    आरबीआइ ने आज बेंचमार्क लेंडिंग रेट को 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 5.90 फीसदी कर दिया। मई में 40 आधार अंकों की वृद्धि और जून और अगस्त में प्रत्येक में 50 आधार अंकों की वृद्धि के बाद यह लगातार चौथी वृद्धि है। कुल मिलाकर आरबीआइ ने इस साल मई से बेंचमार्क दर में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि की है। आरबीआइ का यह फैसला अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा लगातार तीसरी बार 0.75 प्रतिशत की वृद्धि के बाद आया है।

    ये भी पढ़ें-

    RBI Governor Shaktikanta Das: पूरी दुनिया में गहरा रहा है आर्थिक संकट, लेकिन भारत की स्थिति कहीं बेहतर

    RBI Repo Rate Hike: महंगाई पर फिर चला आरबीआइ का चाबुक, रेपो रेट 0.50 फीसद बढ़ा, महंगा होगा लोन, बढ़ेगी EMI