सुस्ती की आशंका, 2019-20 के लिए RBI ने घटाया आर्थिक वृद्धि का अनुमान

अर्थव्यवस्था में सुस्ती की संभावना को देखते हुए आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए वृद्धि दर के अनुमान को घटा दिया है।

By Abhishek ParasharEdited By: Publish:Thu, 04 Apr 2019 12:35 PM (IST) Updated:Thu, 04 Apr 2019 05:14 PM (IST)
सुस्ती की आशंका, 2019-20 के लिए RBI ने घटाया आर्थिक वृद्धि का अनुमान
सुस्ती की आशंका, 2019-20 के लिए RBI ने घटाया आर्थिक वृद्धि का अनुमान

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नए वित्त वर्ष की पहली नीतिगत समीक्षा बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2019-20 के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटा दिया है। अर्थव्यवस्था में सुस्ती की संभावना को देखते हुए आरबीआई ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 7.2 फीसद जीडीपी का अनुमान लगाया है, जो पहले 7.4 फीसद था।

तीन दिनों तक चली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया, '2019-20 के लिए जीडीपी अनुमान 7.2 फीसद रखा गया है। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में इसके 6.8 फीसद से 7.1 फीसद के बीच रहने की उम्मीद है, जबकि दूसरी छमाही में इसके 7.3 फीसद से 7.4 फीसद के बीच रहने का अनुमान है।'

आरबीआई ने कहा, 'उत्पादन और कैपिटल गुड्स के आयात में आई गिरावट घरेलू निवेश की गतिविधियों में कमजोरी का संकेत दे रहे हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुस्ती भारत के एक्सपोर्ट पर असर डाल सकती है।'

गौरतलब है कि दिसंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े आने के बाद सरकार ने पिछले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान को घटाकर 7 फीसद कर दिया है। इससे पहले यह अनुमान 7.2 फीसद का था।

आरबीआई के अलावा अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) भी चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में कटौती कर चुके हैं। एडीबी ने जहां वैश्विक स्तर पर पनप रहे व्यापारिक तनाव को देखते हुए भारत के जीडीपी पूर्वानुमान को 7.6 फीसद से घटाकर 7.2 फीसद कर दिया है। वहीं, फिच ने अर्थव्यवस्था में उम्मीद से कम की रफ्तार का अनुमान लगाते हुए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 6.8 फीसद जीडीपी का अनुमान लगाया है, जो पहले 7 फीसद था।

रेपो रेट में कटौती: लोकसभा चुनाव से पहले आरबीआई ने उद्योग जगत को बड़ी राहत दी है। आरबीआई ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करते हुए इसे घटाकर अब 6 फीसद कर दिया है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने नीतिगत रवैये को न्यूट्र्ल पर ही बरकरार रखा है।

मौद्रिक नीति समिति ने 4-2 के बहुमत से रेपो रेट में कटौती का फैसला लिया। पिछली बैठक में अप्रत्याशित रूप से आरबीआई ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की घोषणा करते हुए इसे 6.50 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसद कर दिया था।

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