Loan Moratorium: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मामले के निपटारे तक अकाउंट्स को NPA न घोषित करें बैंक, 10 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के वकील राजीव दत्ता ने बुधवार को ब्याज पर ब्याज को दोहरा झटका देने वाला बताया था।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Thu, 03 Sep 2020 02:32 PM (IST) Updated:Fri, 04 Sep 2020 08:03 AM (IST)
Loan Moratorium: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मामले के निपटारे तक अकाउंट्स को NPA न घोषित करें बैंक, 10 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
Loan Moratorium: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मामले के निपटारे तक अकाउंट्स को NPA न घोषित करें बैंक, 10 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोराटोरियम (Loan Moratorium) की अवधि के लिए ब्याज पर ब्याज को माफ किए जाने की मांग को लेकर दायर कई याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई की। इस दौरान जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने बैंकों को ऐसे अकाउंट्स को मामले के निपटारे तक नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPAs) घोषित नहीं करने का निर्देश दिया, जिन्हें 31 अगस्त तक एनपीए घोषित नहीं किया गया है। इसके बाद पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 सितंबर की तारीख तय कर दी।

इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय में केंद्र सरकार का पक्ष रखा। समाचार एजेंसी एएनआई के सिलसिलेवार किए गए ट्वीट्स के मुताबिक सॉलिसिटर जनरल मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बैंकिंग सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हम ऐसा कोई भी निर्णय नहीं कर सकते हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हो।  

Solicitor General Tushar Mehta said in the Supreme Court that the banking sector is the backbone of our economy, we can't take any decision which can weaken the economy. https://t.co/luO2kkoldA" rel="nofollow

— ANI (@ANI) September 3, 2020

मेहता ने केंद्र सरकार की ओर से कहा, ''हमने भुगतान का दबाव करने का निर्णय किया था, ब्याज माफी का नहीं।''

इससे पहले बुधवार को वकील राजीव दत्ता ने याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखते हुए ब्याज पर ब्याज को दोहरा झटका देने वाला बताया था। दत्ता ने ब्याज पर ब्याज को प्रथम दृष्टया गलत करार दिया था। रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े संगठन क्रेडाई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर्यमान सुंदरम ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि कर्ज लेने वालों पर दंडात्मक ब्याज लगाना सही नहीं है। उन्होंने आने वाले समय में इस वजह NPAs में बढ़ोत्तरी की आशंका प्रकट की थी।

दत्ता ने बुधवार को कहा था, ''RBI Scheme (मोराटोरियम) लेकर आया और हमने सोचा कि हमें मोराटोरियम की अवधि के बाद EMI जमा करना होगा लेकिन बाद में हमें बताया गया कि चक्रवृद्धि ब्याज लिया जाएगा। ब्याज पर ब्याज देना हमारे लिए दोहरे झटके की तरह है।''

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