ग्लोबल इकोनॉमी में स्लोडाउन के चलते और सुस्त हो सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था: RBI

RBI का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही सुस्ती का सामना कर रही है और ग्लोबल इकोनॉमी में स्लोडाउन के चलते और सुस्त हो सकती है। (PCPixabay)

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Sun, 13 Oct 2019 08:54 AM (IST) Updated:Sun, 13 Oct 2019 08:54 AM (IST)
ग्लोबल इकोनॉमी में स्लोडाउन के चलते और सुस्त हो सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था: RBI
ग्लोबल इकोनॉमी में स्लोडाउन के चलते और सुस्त हो सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था: RBI

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। पहले से ही सुस्त रफ्तार से बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक हालातों के कारण अब और विपरीत प्रभाव पड़ने के आसार हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती भारत के लिए भारी पड़ सकती है। खुद रिज़र्व बैंक ने यह बात कही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि पहले से सुस्ती का सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था ग्लोबल इकोनॉमी में स्लोडाउन के चलते और सुस्त हो सकती है। रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा है कि इस वर्ष ग्लोबल ट्रेड के और कमजोर होने की आशंका है।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में रही सिर्फ 2 फीसद की ग्रोथ

अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने निर्यात में गिरावट और व्यापार में कमजोर निवेश के चलते इस वर्ष की दूसरी तिमाही में दो फीसद की ग्रोथ रेट दर्ज की है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बताया कि दूसरी तिमाही के दौरान यूरो क्षेत्र की जीडीपी में भी गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान ब्रेक्जिट को लेकर बने गतिरोध और अन्य कारणों से यूरोप के बड़े देशों ने खराब प्रदर्शन किया।

जर्मनी का प्रदर्शन भी रहा खराब

ऑटो इंडस्ट्री के खराब प्रदर्शन और निर्यात में कमी के कारण दूसरी तिमाही में जर्मनी का प्रदर्शन भी खराब रहा। दूसरी तिमाही के दौरान इटली की ग्रोथ रेट भी कमजोर रही। चीन-अमेरिका में जारी व्यापारिक गतिरोध के कारण जापान की इकोनॉमी ने पिछले तिमाही के मुकाबले खराब प्रदर्शन किया और इस वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान चीन का प्रदर्शन बीते 27 साल के निचले स्तर पर आ गया।

इस दौरान ब्रिक्स देशों की हालत भी कुछ बेहतर नहीं रही। ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका की ग्रोथ रेट में गिरावट देखी गई। वहीं इंडोनेशिया की इकोनॉमी ने इस वर्ष की पहली दोनों तिमाही में खराब प्रदर्शन किया है। वैश्विक स्तर पर चल रहे इस स्लोडाउन का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है।

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