वोडाफोन आइडिया का शेयर प्राइज 10 रुपये होते ही कंपनी में हो जाएगा ये बड़ा बदलाव

सरकार ने दूरसंचार ऑपरेटरों को ब्याज की बकाया राशि को इक्विटी में बदलकर एजीआर बकाये के भुगतान का विकल्प दिया है। इसी के तहत वोडाफोन आइडिया को भी यह विकल्प दिया गया है। 30 सितंबर 2021 तक कंपनी का कुल कर्ज लीज देनदारियों को छोड़कर 194780 करोड़ रुपये था।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Publish:Thu, 08 Sep 2022 04:24 PM (IST) Updated:Thu, 08 Sep 2022 04:24 PM (IST)
वोडाफोन आइडिया का शेयर प्राइज 10 रुपये होते ही कंपनी में हो जाएगा ये बड़ा बदलाव
Govt to acquire Vodafone Idea stake after share price comes at Rs 10 or above

नई दिल्ली, एजेंसी। वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के शेयरों का मूल्य 10 रुपये या इससे अधिक पर स्थिर होने के बाद सरकार कर्ज में डूबी इस कंपनी में हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। Vodafone Idea (VIL) के बोर्ड ने सरकार को 10 रुपये प्रति शेयर के सममूल्य पर हिस्सेदारी की पेशकश की है।

एक आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि सेबी का एक मानदंड यह है कि अधिग्रहण सममूल्य पर होना चाहिए। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के शेयरों के 10 रुपये या उससे अधिक पर स्थिर होने के बाद डीओटी अधिग्रहण को मंजूरी देगा। वीआईएल के शेयर 19 अप्रैल से 10 रुपये के नीचे कारोबार कर रहे हैं। गुरुवार को बीएसई पर शेयर 1.02 फीसदी की गिरावट के साथ 9.68 रुपये पर कारोबार कर रहा था।

वोडाफोन में 33 प्रतिशत हो जाएगी सरकारी हिस्सेदारी

वित्त मंत्रालय ने जुलाई में वीआईएल में हिस्सेदारी खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया (VIL) ने 16,000 करोड़ रुपये की देनदारी के बदले सरकार को इक्विटी देने का प्रस्ताव किया है। कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी लगभग 33 प्रतिशत हो जाएगी, जबकि प्रमोटरों की हिस्सेदारी 74.99 प्रतिशत से कम होकर 50 प्रतिशत तक रह जाएगी।

क्या कहती है वोडाफोन की बैलेंस शीट

सरकार ने दूरसंचार ऑपरेटरों को ब्याज की बकाया राशि को इक्विटी में बदलकर एजीआर बकाये के भुगतान का विकल्प दिया है। 30 सितंबर, 2021 तक कंपनी का कुल कर्ज, लीज देनदारियों को छोड़कर 1,94,780 करोड़ रुपये था। इस राशि में 1,08,610 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम भुगतान दायित्व और 63,400 करोड़ रुपये का एजीआर भुगतान शामिल है।

अप्रैल-जून 2022 तिमाही में VIL का कुल ऋण (लीज की देनदारियों को छोड़क) 1,99,080 करोड़ रुपये था, जिसमें 1,16,600 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम भुगतान दायित्व और एजीआर देनदारियां शामिल थीं। 67,270 करोड़ रुपये जो सरकार के बकाया हैं, जबकि और बैंकों और वित्तीय संस्थानों का 15,200 करोड़ रुपये का कर्ज है।

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