एक्साइज ड्यूटी चोरी में फॉक्सवैगन पर 646 करोड़ का जुर्माना

फॉक्सवैगन एक बार फिर मुश्किल में फंसती दिख रही है। इस बार प्रदूषण के चलते नहीं बल्कि अब कार की कम कीमत दिखाकर एक्साइज ड्यूटी चोरी करने का आरोप लगा है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Wed, 09 Mar 2016 08:29 PM (IST) Updated:Wed, 09 Mar 2016 10:58 PM (IST)
एक्साइज ड्यूटी चोरी में फॉक्सवैगन पर 646 करोड़ का जुर्माना

मुंबई। फॉक्सवैगन एक बार फिर मुश्किल में फंसती दिख रही है। इस बार प्रदूषण के चलते नहीं बल्कि अब कार की कम कीमत दिखाकर एक्साइज ड्यूटी चोरी करने का आरोप लगा है। कंपनी पर सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट ने फॉक्सवैगन की तीन फर्मो पर कारों की कम कीमत दिखाकर 323 करोड़ की ड्यूटी चोरी का आरोप लगा है। पुणे के प्रिंसिपल कमिश्नर के ऑर्डर के मुताबिक ये कारें जनवरी 2010 से दिसंबर 2014 के बीच बेची गई थी। इन फर्मो पर इतनी ही रकम की पेनल्टी भी लगाई गई है। इस तरह से कुल जुर्माना 646 करोड़ का बनता है। ये तीन फर्म फॉक्सवैगन इंडिया, स्कोडा ऑटो औरंगाबाद और फॉक्सवैगन सेल्स इंडिया है।

ऑर्डर के खिलाफ अपील फॉक्सवैगन के मुताबिक उन्हें ऑर्डर मिला है और वह इसकी पूरी जानकारी ले रहे हैं। फॉक्सवैगन अपने सभी ट्रांजेक्शन का पूरा ध्यान रखती है। कंपनी के मुताबिक वह आर्डर खिलाफ अपील करेगी।

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ऐसे हुई गड़बड़ डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलीजेंस के मुताबिक इन तीनों फर्म ने कारों की ड्यूटी फैक्ट्री गेट की कीमत पर चुकाई। जबकि कंपनी को ग्राहक को बेचे गए दाम पर ड्यूटी चुकानी थी। ये नियमों के मुताबिक नहीं था। इस ट्रांजेक्शन में इन तीनों के हित जुडे़ हुए थे। अधिकारियों के मुताबिक हम ये साबित कर सकते हैं जिस दाम पर वे ग्राहक को कार बेच रही हैं, उसी पर उन्हें ड्यूटी चुकानी चाहिए। एक्साइज डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक फॉक्सवैगन ने 2010 से 2014 के बीच 2.63 लाख कारें बेचीं।

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नियमों का भी उल्लघंन फॉक्सवैगन पर ये भी आरोप लगाया है कि कंपनी ने लागत से कम कीमत पर कार बेंची। इस तरह की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है। कार को लागत से कम बेचने पर फॉक्सवैगन इंडिया और स्कोडा ऑटो औरंगाबाद को पेरेंट कंपनी ने राहत राशि दी। ये राहत कंपनी ने संब्वेंशन, मार्केटिंग राहत, विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव की सहायता के तौर पर ली। इससे ये साबित होता है कि कंपनी ने कारों के दाम जानबूझकर घटाए। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला दिया था कि फिएट इंडिया को प्रोडक्शन लागत और उससे थोड़ा ऊपर एक्साइज ड्यूटी देनी होगी।

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पहले से ही घिरी है कंपनी

पिछले साल सरकार ने फॉक्सवैगन को प्रदूषण के मानकों का पालन न करने पर कारण बताओ नोटिस दिया था। ये नोटिस डीजल कारों के मॉडलों के लिए था। कंपनी के यूरोप और अमेरिका के वे ही इंजन भारतीय कारों में भी लगे हैं, जिनके चलते वहां कार्रवाई हो रही है।

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