मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने सूरत की कंपनी के 6,000 व्हीकल किए कुर्क

ED ने सूरत की कंपनी सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक लिमिटेड (SVLL) और उसके प्रमोटरों के खिलाफ बैंक लोन फ्रॉड में लगभग 1610 करोड़ रुपये की कीमत के 6000 से अधिक व्हीकल को जब्त किया है।

By Sajan ChauhanEdited By: Publish:Wed, 19 Jun 2019 12:09 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jun 2019 12:13 PM (IST)
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने सूरत की कंपनी के 6,000 व्हीकल किए कुर्क
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने सूरत की कंपनी के 6,000 व्हीकल किए कुर्क

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को बताया कि उसने सूरत की एक कंपनी और उसके प्रमोटरों के खिलाफ बैंक लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में लगभग 1,610 करोड़ रुपये की कीमत के 6,000 से अधिक व्हीकल को जब्त किया है।

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ईडी ने सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक लिमिटेड (SVLL) और इसके डायरेक्टर रूपचंद बैद के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत संपत्ति की कुर्की के लिए एक आदेश जारी किया। इससे पहले बैद को इस मामले में ईडी ने 836.29 करोड़ रुपये की बैंक ऑफ महाराष्ट्र लोन फ्रॉड मामले में कथित रूप से शामिल होने पर गिरफ्तार किया था। ईडी ने बताया कि 1,609.78 करोड़ रुपये की कीमत के कुल 6,170 व्हीकल लेटेस्ट ऑर्डर में कुर्क किए गए हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने जून, 2017 में कंपनी की 19 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी।

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बताया कि उसने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर कंपनी और उसके डायरेक्टर्स के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। अब तक की गई जांच से पता चला है कि नकली दस्तावेजों के आधार पर कर्मचारियों और ड्राइवरों के नाम पर कर्ज लिया गया और एसवीएलएल ने उनको इसके बारे में कुछ नहीं बताया जांच में यह भी पता चला है कि बैद ने विभिन्न संस्थाओं के अकाउंट के जरिए इन लोन की पेमेंट की।

ईडी के अनुसार बैंकों से विभिन्न स्कीम के तहत लोन लिया गया, जिसमें 'चालाक से मलिक' स्कीम भी शामिल है। इन स्कीम के जरिए पुराने और नए व्हीकल की खरीद के लिए एसवीएलएल के ड्राइवरों और कर्मचारियों के नाम पर लोन लिया गया था। ईडी ने बताया कि लोन का इस्तेमाल उस उद्देश्य के लिए नहीं किया गया था, जिसके लिए लोन लिया गया था बल्कि एसवीएलएल और उससे जुड़ी संस्थाओं के अकाउंट के जरिए पैसा इधर उधर किया गया था। उसके बाद में पैसे को निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया, कंपनी का खर्च उठाया गया और पुराने कर्जों को पूरा किया गया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में बैद ने मुख्य भूमिका अदा की थी। 

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