बिजली की मांग 185.82 गीगावाट के नए उच्च स्तर पर, इससे आर्थिक गतिविधियों के तेज होने का मिला संकेत

केंद्रीय बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष जनवरी में बिजली की मांग अधिकतम 170.97 गीगावाट के स्तर पर थी। इसके बाद मार्च से कोरोना संक्रमण से उपजे विषम परिस्थितियों के कारण मांग एकदम गिर गई। लॉकडाउन हटने पर सितंबर से इसमें बढ़ोतरी देखी जा रही है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 08:16 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 07:18 AM (IST)
बिजली की मांग 185.82 गीगावाट के नए उच्च स्तर पर, इससे आर्थिक गतिविधियों के तेज होने का मिला संकेत
बिजली की मांग हुआ इजाफा PC: Pixabay

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। बिजली मंत्रालय के सचिव एसएन सहाय ने बताया कि बुधवार को सुबह 9:35 बजे बिजली की मांग 185.22 गीगावाट (1,85,822 मेगावाट) रही। इससे पहले 30 दिसंबर, 2020 को बिजली की खपत 182.89 गीगावाट के उच्च स्तर पर पहुंची थी। बिजली की बढ़ती खपत को देश में आर्थिक गतिविधियों में हो रही बढ़ोतरी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने खुद भी ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'आज सुबह 9 बजकर 35 मिनट पर देश में बिजली की मांग 185820 मेगावॉट को पार कर गई, जो अब तक की सबसे अधिक मांग है। 19 जनवरी तक बिजली की मांग और आपूर्ति में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 8 फीसदी की तेजी आई है। यह अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दर है। यह इस बात का संकेत है कि इकॉनमी पटरी पर लौट रही है। बिजली की बढ़ती मांग सौभाग्य योजना की सफलता का प्रतीक है। इस योजना के तहत गरीबों और उपेक्षितों सहित सभी घरों तक बिजली पहुंचाई गई है।'

The peak demand for power crossed 1,85,820 Megawatt at 9:35 AM on today. This is the highest ever, a record.

— R. K. Singh (@RajKSinghIndia) January 20, 2021

केंद्रीय बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष जनवरी में बिजली की मांग अधिकतम 170.97 गीगावाट के स्तर पर थी। इसके बाद मार्च से कोरोना संक्रमण से उपजे विषम परिस्थितियों के कारण मांग एकदम गिर गई। लॉकडाउन हटने पर सितंबर से इसमें बढ़ोतरी देखी जा रही है।

सबसे अच्छी बात यह है कि मांग लगातार बढ़ रही है। सितंबर में बिजली की मांग में जहां 1.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखी, वहीं अक्टूबर में यह 3.4 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई। नवंबर में यह वृद्धि 3.5 प्रतिशत की रही। दिसंबर में इसमें 7.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

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