देश भर में रेलवे अधिकारियों पर सीबीआइ के छापे

मध्य प्रदेश में कम से कम छह शहरों भोपाल, जबलपुर, कटनी, सतना, इटारसी और छिंदवाड़ा में छापे मारे गए। हरियाणा के जींद और उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, आगरा, मथुरा और मुजफ्फरनगर के साथ ही दिल्ली और जयपुर में भी तलाशी ली गई है।

By Atul GuptaEdited By: Publish:Sat, 19 Mar 2016 09:00 AM (IST) Updated:Sat, 19 Mar 2016 11:57 AM (IST)
देश भर में रेलवे अधिकारियों पर सीबीआइ के छापे

नई दिल्ली। सीबीआइ ने देश भर में एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर तलाशी ली। जांच एजेंसी ने शुक्रवार को यह कदम रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के दो मामलों में उठाया है। छापे की कार्रवाई मध्य प्रदेश के छह और उत्तर प्रदेश के चार शहरों में भी की गई है।

सीबीआइ के सूत्र ने बताया कि मध्य प्रदेश में कम से कम छह शहरों भोपाल, जबलपुर, कटनी, सतना, इटारसी और छिंदवाड़ा में छापे मारे गए। हरियाणा के जींद और उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, आगरा, मथुरा और मुजफ्फरनगर के साथ ही दिल्ली और जयपुर में भी तलाशी ली गई है। जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है उनके खिलाफ जांच एजेंसी ने मामला दर्ज किया था। इनपर दिल्ली की निजी कंपनी के साथ सांठगांठ कर सरकारी खजाने को चूना लगाने का आरोप है। बिजली पोल की बुनियाद के निर्माण से संबंधित सरकारी काम में अधिकारियों ने कथित रूप से ठेका कंपनी की मदद की थी।

सीबीआइ ने पिछले वर्ष दिसंबर में दो एफआइआर दर्ज किए थे। ठेके का काम माणिकपुर-सतना और सतना और जबलपुर के बीच कराया गया था। सीबीआइ के प्रवक्ता ने आरोपी अधिकारियों की पहचान तत्कालीन कार्यपालक अभियंता (विद्युत) डीडी श्रीवास्तव और एमडी कोरी, वरिष्ठ संभाग अभियंता मनोज के प्रभाकर, केके खरे, एके तिवारी, संजय मीणा एवं अन्य के रूप में की है।

प्रवक्ता ने कहा कि माणिकपुर-सतना-रेवा संभाग और सतना-जबलपुर संभाग के बीच बिजली के काम का ठेका दिल्ली के निजी फर्म कोबरा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। इस काम में अधिकारियों ने गलत पैमाइश दर्ज कर ठेका कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाया।

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