India vs China : भारतीय शेयर बाजार के सामने फीकी पड़ी चीन की चमक, रिटर्न के मामले में पीछे छूटा ड्रैगन
शेयर बाजार किसी भी देश की आर्थिक तरक्की का बड़ा सहारा होता है। इससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज होती है। भारत इस रेस में अब चीन से आगे निकल गया है। भारत के पास काम करने लायक नौजवान आबादी है। कई नीतिगत सुधार भी हुए हैं। सप्लाई चेन में भी बदलाव करके उसे बेहतर किया गया है। इन सकारात्मक वजहों से निवेशक भारतीय बाजार की ओर खिंच रहे हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर बाजार किसी भी देश की आर्थिक तरक्की का बड़ा सहारा होता है। इससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज होती है। भारत इस रेस में अब चीन से आगे निकल गया है। DSP म्यूचुअल फंड की हालिया रिपोर्ट बताती है कि भारत के मुकाबले चीन का इक्विटी मार्केट बड़े अंतर से पीछे चल रहा है।
सुस्त पड़ने लगी ड्रैगन की रफ्तार
चीन की जीडीपी भारत की तुलना में 5 गुना बड़ी है। लेकिन, उसका इक्विटी मार्केट कैपिटलाइजेशन भारत से सिर्फ दोगुना ही है। अगर 2004 से 2021 के बीच की बात करें, तो चीन की इकोनॉमी ने भारत की जीडीपी को तेजी से पीछे छोड़ दिया। लेकिन, अब उसकी रफ्तार सुस्त पड़ने लगी है।
DSP म्यूचुअल फंड रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 3 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था और इक्विटी बाजारों ने चीन से बेहतर प्रदर्शन किया है। फिलहाला, भारत का निफ्टी 50 इंडेक्स 23 गुना ट्रेलिंग अर्निंग पर कारोबार कर रहा है। वहीं, शंघाई कंपोजिट की ट्रेडिंग सिर्फ 11 गुना पर ही सीमित है। ट्रेलिंग अर्निंग का मतलब होता है कि एक खास अंतराल के बाद शेयर के भाव में कितना उछाल आया है।
भारत की क्वॉलिटी चीन से बेहतर
उभरते हुए बाजार (Emerging markets) क्वॉलिटी में एकदूसरे से काफी अलग होते हैं। अब जैसे कि भारत को हाई-क्वॉलिटी और पारंपरिक से महंगा माना जाता है। वहीं, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे बाजारों के बारे में आम राय है कि वे कम गुणवत्ता वाले सस्ते मार्केट हैं।
भारत के पास काम करने लायक नौजवान आबादी है। कई नीतिगत सुधार भी हुए हैं। सप्लाई चेन में भी नए सिरे से बदलाव किया गया है। इन सकारात्मक वजहों से निवेशक भारतीय बाजार की ओर खिंच रहे हैं। भारत में इक्विटी पर रिटर्न अमेरिका के बराबर है, जो प्रीमियम वैल्यूएशन को वाजिब ठहराता है।
भारत की पहचान अर्निंग ग्रोथ
इस परिदृश्य में ब्राजील ने भी निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्राजील ना सिर्फ महत्वपूर्ण आय वृद्धि दर्शाता है, बल्कि यह वृद्धि समान रूप से प्रभावशाली वैल्यूएशन ट्रेंड के साथ है। वहीं, भारत की पहचान उसकी शानदार अर्निंग ग्रोथ बनी है, लेकिन वैल्यूएशन प्रीमियम है।
रिपोर्ट कहती है, 'प्रीमियम वैल्यूएशन के चलते भारतीय इक्विटी में सौदेबाजी की ज्यादा गुंजाइश नहीं है। भारतीय इक्विटी में सेफ्टी का भी थोड़ा मसला है।'
(आईएएनएस से इनपुट के साथ)
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