इस साल वेतन वृद्धि में आ सकती है कमी, 9 फीसद से नीचे आयें आंकड़े- रिपोर्ट

Average Increment In India 2023 Deloitte इंडिया ने हाल में एक अध्ययन किया है जिसके मुताबिक साल 2023 में वेतन वृद्धि में कमी देखे जा सकने की उम्मीद है। वहीं 2022 में औसत वृद्धि 9.4 प्रतिशत थी। (फाइल फोटो)

By Sonali SinghEdited By: Publish:Wed, 29 Mar 2023 02:27 PM (IST) Updated:Wed, 29 Mar 2023 02:27 PM (IST)
इस साल वेतन वृद्धि में आ सकती है कमी, 9 फीसद से नीचे आयें आंकड़े- रिपोर्ट
Average Increments 2023 May Come Down, See Details Here

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इस साल बढ़ती मुद्रास्फीति और ऊंची ब्याज दरों का असर वेतन वृद्धि पर पड़ सकता है। डेलॉइट इंडिया टैलेंट आउटलुक के अध्ययन के मुताबिक 2022 की वास्तविक वेतन वृद्धि की तुलना में 2023 में वेतन वृद्धि लगभग सभी क्षेत्रों में कम रहने की उम्मीद है। बता दें कि डेलॉइट इंडिया टैलेंट आउटलुक 2023 अध्ययन इस साल जनवरी में शुरू की गई थी, जिसमें सात क्षेत्रों और 25 उप-क्षेत्रों में 300 संगठनों के बीच एक सर्वेक्षण किया गया है।

9.1 फीसद रह जाएगी वेतन वृद्धि

अध्ययन के मुताबिक, 2023 में सभी क्षेत्रों में औसत वेतन वृद्धि घटकर 9.1 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि 2022 में औसत वृद्धि 9.4 प्रतिशत थी। अध्ययन में कहा गया है कि जीवन विज्ञान क्षेत्र में 2023 में उच्चतम वेतन वृद्धि देखने की उम्मीद है, वहीं आईटी क्षेत्र में पिछले साल की तुलना में वेतन वृद्धि में बड़ी गिरावट देखी जा सकती है।

डेलॉइट टूचे तोहमात्सु इंडिया एलएलपी (डेलॉइट इंडिया) के पार्टनर आनंदोरूप घोष ने कहा, "महंगाई, उच्च ब्याज दर और धीमी अर्थव्यवस्था इस साल संगठनों को और अधिक सतर्क बना सकते हैं। हम 2023 में कम रुझान देखने की उम्मीद करते हैं।"

चार में से तीन संगठनों ने दिया कौशल विकास को महत्व

अध्ययन में पाया गया है कि हर चार संगठनों में से तीन ने मुख्य रूप से कौशल विकास और कैरियर की प्रगति के लिए एक सामान्य कौशल ढांचे को महत्व दिया है। वहीं, लगभग 42 प्रतिशत ने अपने ढांचे को बदलती व्यावसायिक जरूरतों के रूप में अपडेट नहीं किया। दूसरी तरफ, केवल 19 प्रतिशत संगठनों ने अपने कर्मचारियों को उनकी वर्तमान भूमिका से अलग हटकर कौशल सीखने का मौका दिया। इसमें ज्यादातर आईटी, आईटीईएस और उपभोक्ता क्षेत्रों की कंपनियां थी।

इस सेगमेंट पर ध्यान दे रही हैं कंपनियां

अध्ययन में पाया गया है कि 27 प्रतिशत संगठनों ने श्रमिकों के लिए कौशल आधारित प्रशिक्षण में निवेश किया है, जबकि 13 प्रतिशत ने ऐसा करने की योजना बनाई है। वहीं, 80 प्रतिशत से अधिक संगठनों ने बताया कि नेतृत्व टीमों के पास मौजूदा कौशल पूंजी को समझने के लिए कोई डाटा या रिपोर्टिंग तंत्र नहीं है।

 

chat bot
आपका साथी