कोरोना से बचाव को ले बेफिक्र हुए लोग, मास्क और शारीरिक दूरी का पालन नहीं

कोरोना संक्रमण का आंकड़े तेजी से कम हुए हैं। हालांकि कोरोना का खतरा अभी भी बरकरार है। संक्रमण घटा जरूर है लेकिन जनजीवन में बचाव को लेकर लापरवाही तेजी से बढ़ने लगी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 01:40 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 01:40 AM (IST)
कोरोना से बचाव को ले बेफिक्र हुए लोग, मास्क और शारीरिक दूरी का पालन नहीं
कोरोना से बचाव को ले बेफिक्र हुए लोग, मास्क और शारीरिक दूरी का पालन नहीं

बेतिया । कोरोना संक्रमण का आंकड़े तेजी से कम हुए हैं। हालांकि कोरोना का खतरा अभी भी बरकरार है। संक्रमण घटा जरूर है, लेकिन जनजीवन में बचाव को लेकर लापरवाही तेजी से बढ़ने लगी है। स्वास्थ्य व सुरक्षा से जुड़ा मास्क लोगों के मुंह से गायब होने लगा है और यह लापरवाही आने वाले समय में भारी पड़ सकता है।

इस समय लोग बाजार में बेफिक्र होकर घूम रहे हैं, जैसे कोरोना चला गया है। दस प्रतिशत लोग भी मास्क का उपयोग नहीं करते नजर आ रहे। बाजार में दुकानदार और ग्राहक दोनों में कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता की कमी आने लगी है। आमजन भी बिना मास्क घर से बाहर निकलने पर परहेज नहीं कर रहे हैं।कोरोना से सुरक्षा के लिए मास्क एवं दो गंज की दूरी जरूरी है। इसे सरकार भी मानती है। मगर, लोग इस बात को मानने को तैयार नहीं है। जिले की बात करें तो करीब नब्बे फीसद से अधिक लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। दो गंज की दूरी की बात कौन कहे, यहां बाजार एवं सड़कों पर भीड़ लग रही है। फिजिकल डिस्टेंसिग का नामोनिशान नहीं है। जाम के झाम से लोग हर दिन परेशान हो रहे है। कोरोना से सुरक्षा के नियमों की अनदेखी की जा रही है। कोरोना मरीजों का इलाज करनेवाले चिकित्सकों की बात छोड़ दी जाए तो मास्क की गंभीरता को कोई नहीं समझ रहा है। ऐसे में मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। जिस गति से देश और दुनिया में कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है उससे देख कर निसंदेह कहा जा सकता है कि यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। जिले में भी संक्रमण का खतरा बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है।लॉकडाउन में थोड़ी सख्ती दिखी थी। लोगों के मन में कोरोना एवं प्रशासन का खौफ था। नतीजतन वे कोरोना से बचाव के हर इंतजाम एवं नियमों का पालन कर रहे थे। लेकिन अब लचर व्यवस्था दिख रही है। सार्वजनिक स्थल हो या घर हर जगह नियमों की अनदेखी की जा रही है। बिना मास्क लोग घूम रहे हैं। मीना बाजार, लाल बाजार, राज देवड़ी, सुप्रिया रोड, अस्पताल रोड हर जगह जाम के झाम से लोग हलकान हैं। ऐसे में कोरोना का ग्राफ बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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इनसेट

कोरोना के चेन तोड़ने के लिए मास्क एवं फिजिकल डिस्टेंस बेहद जरूरी

संक्रमण से सुरक्षा के लिए संजीदा होना बेहद जरूरी है।चिकित्सकों के अनुसार संक्रमण से सुरक्षा के लिए फिलहाल मास्क एवं फि•ाकिलि स्टेंसिग ही विकल्प है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए हर एक लोगों को मास्क लगाना आवश्यक है। इसमें थोड़ी सी भी लापरवाही स्वयं तथा दूसरे के लिए घातक हो सकती है। लेकिन विडंबना यह है कि अनलॉक होने के बाद फिजिकल डिस्टेंसिग तो दूर लोग मास्क तक नहीं लगा रहे हैं। इसकी बानगी बाजार सड़कों पर सहज ही देखी जा सकती है। बिना मास्क लोग दुकानों में खरीदारी भी कर रहे हैं। हद तो यह है कि मास्क की की अनदेखी अब हर स्तर पर होने लगी है। हालांकि कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए मास्क एवं फिजिकल डिस्टेंसिग के नियमों का पालन अनिवार्य किया गया है, लेकिन प्रशासन की चुप्पी की वजह से लोग इसकी अनदेखी कर रहे हैं। डॉ उमेश कुमार ने बताया कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है। इससे डरना नहीं है, लेकिन सजग रहना जरूरी है। वैक्सीन आने तक हर एक लोगों को कोरोना से सावधान एवं सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मास्क एवं फिजिकल डिस्टेंसिग ही कारगर हथियार है। इसकी अनदेखी भारी पड़ सकती है। बावजूद लोग हर दिन इसकी अनदेखी कर रहे हैं।

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