पापा कहते हैं बेटा हमारा बड़ा नाम करेगा..

वैशाली। विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेला के गौरव गाथा के पन्नों में सोमवार की शाम एक चमकता सितारा और जुड़ गय

By Edited By: Publish:Mon, 23 Nov 2015 09:54 PM (IST) Updated:Mon, 23 Nov 2015 09:54 PM (IST)
पापा कहते हैं बेटा हमारा बड़ा नाम करेगा..

वैशाली। विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेला के गौरव गाथा के पन्नों में सोमवार की शाम एक चमकता सितारा और जुड़ गया। अवसर था, देश के जाने-माने विख्यात पा‌र्श्व गायक उदित नारायण का पर्यटन विभाग के कला मंच पर शानदार गायन प्रस्तुति का। दर्शकों से खचाखच भरे इस पंडाल में जैसे ही उन्होंने फिल्मी और भोजपुरी गायकी का जलवा बिखेरा, कि यह शाम यादगार बन गई। उनकी गायकी के अंदाज पर दर्शक न केवल झूमने लगे, बल्कि खड़े होकर खुशी के मारे नाचने लगे। गायक उदित नारायण ने सबसे पहले भोजपुरी में दर्शकों को प्रणाम करते हुए कहा कि बाबा हरिहरनाथ की नगरी में आवे के मौका मिलल, ई हमार सौभाग्य बा..। उन्होंने दर्शक दीर्घा में बैठी पर्यटन मंत्री अनिता देवी, परिवहन मंत्री चंद्रिका राय तथा मंत्री मुनेश्वर चौधरी सहित सभी दर्शकों का भोजपुरी में ही अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि मैं देश के अलावा विदेश में जहां कहीं भी कार्यक्रम प्रस्तुत करने जाउंगा, बिहार का ही नाम रोशन होगा। अभी तक लगभग 20 हजार गाने गा चुके गायक ने कहा कि लंदन, अमेरिका आदि जहां भी गए, वहां लोग मुझे बिहारी ही जानते हैं। इसके उपरांत उन्होंने कयामत से कयामत फिल्म का वह गीत जिससे उन्हें प्रसिद्धि मिली, पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा, बेटा हमारा ऐसा काम करेगा.. गाने से उन्होंने अपनी गायकी का आगाज किया। इसके बाद उन्होंने तेरे नाम हमने किया है.., तू है मेरी किरण..। तत्पश्चात भोजपुरी ओढ़नी के रंग पीयर-पीयर.. जादू चला रहल बा.., लौट के जैसे खेतवा में, सरसों फूला रहल बा..। दर्शकों की जोरदार तालियों के बीच उन्होंने नशा ये प्यार का नशा है.., ये बात मेरी मानों.., नशे में यार डूब जाओ..। दर्शकों की विशेष फरमाईस पर पुन: उन्होंने भोजपुरी का जादू बिखेरते हुए आरे तोहका का बताई भईया, अपना का हाल है, निकले थे हलुआ खाने मुंह ही जल गया है..। दर्शकों को अपने रंग में रंगे गायक उदित नारायण ने इसी बीच डॉन फिल्म के खइके पान बनारस वाला, खुल गया बंद अकल का ताला..। प्रस्तुत किया। दिल ने ये कहा है दिल से, मोहब्बत हो गई है तुमसे..। गाने को प्रस्तुत कर पूरी तरह अपना जादू दर्शकों पर बिखेर दिया। देर रात तक भीड़ टस से मस तक नहीं हो रही थी। पर्यटन विभाग के पंडाल की कौन कहे ? नखास का मुख्य सड़क पर भी दर्शकों की भीड़ से जगह कम पड़ रही थी। यह कार्यक्रम यहां के लोगों के लिए अविस्मरणीय बन गया।

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