सिद्धियों की दाता है माता सिद्धिदात्री : आचार्य

किशनगंज जिला के धरमगंज गांव अंतर्गत वार्ड नंबर 11 की रहने वाली प्रमिला तिवारी पिछले कुछ माह से सुपौल जिले के विभिन्न गांव में घूम-घूम कर महिलाओं को पर्यावरण सुरक्षा का पाठ पढ़ा रही है। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड कार्यालय के कर्मचारी आवास परिसर में रहकर वह किशनपुर तथा राघोपुर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में भी पहुंचती है। सुबह 5 बजे उठना और मॉर्निंग वॉक के बाद तैयार होकर गांव के तरफ प्रस्थान कर जाना उनके दिनचर्या में देखा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Oct 2019 04:14 PM (IST) Updated:Sun, 06 Oct 2019 04:14 PM (IST)
सिद्धियों की दाता है माता सिद्धिदात्री : आचार्य
सिद्धियों की दाता है माता सिद्धिदात्री : आचार्य

संवाद सूत्र, करजाईन बाजार(सुपौल): जगत जननी जगदम्बा आदि शक्ति श्री दुर्गा का नवम रूप सिद्धिदात्री है। ये समस्त प्रकार की सिद्धियों की दाता है। इसीलिए ये सिद्धिदात्री कहलाती हैं। नवरात्र के नवम दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इस बारे में आचार्य पंडित धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने बताया कि श्री सिद्धिदात्री की विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधकों को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। सृष्टि में कुछ भी उसके लिए असंभव नहीं रह जाता है। ब्रह्माण्ड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने का साम‌र्थ्य व शक्ति उसमें आ जाती है। आचार्य ने बताया कि इनकी आराधना के दौरान साधक को अपना चित्त निर्वाण चक्र (मध्य कपाल) में स्थिर करके साधना करनी चाहिए। श्री सिद्धिदात्री की आराधना से निर्वाण चक्र जागृत होने की सिद्धियां साधक को प्राप्त होती है।

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मुहूर्त के अनुसार करें जयंती छेदन

आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने बताया जयंती छेतन (काटना) का समय विजया दशमी यानि मंगलवार के दिन प्रात:काल 7:41 मिनट तक अति शुभ समय माना गया है। जिसमें दूसरा अ‌र्द्धपहरा वर्जित रहेगा। उन्होंने बताया कि मूहूर्त के अनुसार कोई कार्य करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।

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