जिसमें अनगिनत रत्न छुपे, है वो अथाह सागर ¨हदी ..

¨हदी पखवारा के अंतर्गत डुमरा प्रखंड के राजकीयकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय विशनपुर में विचार गोष्ठी सह कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 12:48 AM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 12:48 AM (IST)
जिसमें अनगिनत रत्न छुपे, है वो अथाह सागर ¨हदी ..
जिसमें अनगिनत रत्न छुपे, है वो अथाह सागर ¨हदी ..

सीतामढ़ी। ¨हदी पखवारा के अंतर्गत डुमरा प्रखंड के राजकीयकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय विशनपुर में विचार गोष्ठी सह कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। अध्यक्षता सत्येंद्र मिश्र ने की। मंच संचालन गीतकार गीतेश ने किया। विद्यालय के प्राचार्य आशुतोष कुमार ने अतिथियों को जानकी उछ्वव का प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। विचार गोष्ठी में डॉ.आनंद प्रकाश वर्मा ने ¨हदी को सामाजिक एवं राष्ट्रीय एकता की जीवंत रखने की एक अनिवार्य कड़ी बताया। अन्य वक्ताओं ने ¨हदी की रिद्धि, सिद्धि और समृद्धि की भाषा बताया। वक्ताओं में प्रधानाध्यापक गोपाल, सत्यनारायण राय, ज्ञानव‌र्द्धन कंठ, आशुतोष कुमार आदि थे। कवि सम्मेलन का आगज गीतेश की रचना 'निखर रही और प्रतिदिन, असंख्य चुनौतियां पाकर ¨हदी, जिसमें अनगिनत रत्न छुपे, है वो अथाह सागर ¨हदी ' से हुआ। पंचदेव कुमार की कविता ' भारत फिर से बन जाए सोने की चिड़िया, अब कुछ ऐसा करने को मन करता है ' एवं कृष्णनंदन लक्ष्य की रचना ' हमारी ¨जदगी के हर रोम में रमती, ¨हदी बिना तो ¨जदगी उदास दिखती है ' ने समां बांध दिया। इसके अलावा सत्येंद्र मिश्र, सुरेश लाल कर्ण, आचार्य धीरेंद्र झा की रचनाओं ने भी खूब वाहवाही बटोरी। मौके पर अर¨वद कुमार शर्मा, सतीश भगत, लक्ष्मण पासवान, तबरेज आलम, परिमल किशोर, धृति सुंदर, मधुबाला आदि मौजूद थीं।

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