प्रत्याशी रात में करते थे जनसंपर्क, दूरी पर होता था बूथ

आगामी संसदीय चुनाव को लेकर जिले में नामांकन प्रक्रिया के शुरू होते ही चर्चा जोरों से शुरू है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Apr 2019 12:34 AM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2019 06:19 AM (IST)
प्रत्याशी रात में करते थे जनसंपर्क, दूरी पर होता था बूथ
प्रत्याशी रात में करते थे जनसंपर्क, दूरी पर होता था बूथ

सीतामढ़ी। आगामी संसदीय चुनाव को लेकर जिले में नामांकन प्रक्रिया के शुरू होते ही चर्चा जोरों से शुरू है। पहली बार मतदान करने वाले जहां उत्सुक हैं, वहीं बुजुर्ग लोग पूर्व के दिनों में किए मतदान के दौर को याद करते हैं। सीतामढ़ी के पुपरी स्थित मानिकपुर निवासी 78 वर्षीय कृष्ण किशोर सिंह बताते हैं कि ईवीएम और वीवीपैट के आने से चुनाव में निष्पक्षता एवं पारदर्शिता आई है। सुरक्षा व्यवस्था भी चौकस रहने से सभी वोटर खुलकर मतदान करने लगे हैं। वे सर्वप्रथम वर्ष 1972 में अपने गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर गंगटी गांव में पहली बार मतदान किए थे। प्रत्याशी रात के दस बजे से सुबह चार बजे तक मतदाताओं को जगा कर संपर्क करते थे। झंडा और पम्पलेट के साथ ही लाउडस्पीकर से जमकर प्रचार होता था। बैलेट के जमाने में बदमाशों द्वारा बूथ लूट होती थी तथा लोगों को डरा-धमका कर बूथ पर जाने से रोका जाता था। दबंगों और बाहुबलियों का राज था। सुरक्षा व्यवस्था काफी कमजोर थी। प्रशासन में भी सक्रियता इतनी नहीं देखी जाती थी।

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