समस्तीपुर के चार कालेज को दो करोड़ 79 लाख की राशि का देना होगा हिसाब

जागरण संवाददाता समस्तीपुर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Aug 2022 12:36 AM (IST) Updated:Fri, 26 Aug 2022 12:36 AM (IST)
समस्तीपुर के चार कालेज को दो करोड़ 79 लाख की राशि का देना होगा हिसाब
समस्तीपुर के चार कालेज को दो करोड़ 79 लाख की राशि का देना होगा हिसाब

समस्तीपुर के चार कालेज को दो करोड़ 79 लाख की राशि का देना होगा हिसाब

समस्तीपुर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राशि का हिसाब अभी तक नहीं मिल पाया है। शहर के चार महाविद्यालयों को दो करोड़ 79 लाख की राशि की उपयोगिता देनी है। इसमें समस्तीपुर कालेज को 17.49 लाख, आरएनएआर कालेज में 1.67 करोड़, बलिराम भगत महाविद्यालय को 61 लाख एवं महिला कालेज को 34 लाख की उपयोगिता देनी होगी। उपयोगिता प्रमाण पत्र देने या फिर ब्याज सहित राशि रिफंड नहीं करने पर विश्वविद्यालय प्रशासन के स्तर से अंजाम भुगतने की चेतावनी दी गई है। कालेज के प्रधानाचार्य आशान्वित है कि शत-प्रतिशत राशि सेटलमेंट हो जाएगा। यूजीसी की 11वीं व 12वीं पंचवर्षीय योजना से प्राप्त अनुदान की राशि का ससमय उपयोग नहीं करने और उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं करने को लेकर यूजीसी की ओर से भी चेतावनी दी गई है। इसके लिए अंतिम मौका भी दिया गया है। सभी को 27 अगस्त को पटना में निर्धारित स्थल पर उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। आरएनआर कालेज के प्रधानाचार्य प्रो. सुरेंद्र प्रसाद ने बताया कि उपयोगिता प्रमाण पत्र समय से जमा नहीं होने की वजह से राशि लंबित दिख रही है। सभी रिपोर्ट जमा कर दिया गया है। बीआरबी कालेज के प्रधानाचार्य डा. बीरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि सभी राशि का बिल पूर्व से ही तैयार है। इसे जमा किया जाना है। यूजीसी से मिली राशि का फॉर्मेट में देना होगा हिसाब : आधारभूत संरचना के विकास के लिए जिले के अंगीभूत और संबद्ध कालेजों को मिले अनुदान पर यूजीसी ने सख्ती बढ़ा दी है। खर्च का उपयोगिता प्रमाण-पत्र जमा नहीं करने वाले कालेजों पर गाज गिर सकती है। 11वीं और 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत जो राशि प्राप्त हुई है उसमें राशि खर्च, लौटाने आदि का विवरण कालेजों को देना है। कालेजों को यूजीसी से मिली राशि का हिसाब भी फॉर्मेट में देना होगा। अगर इस बार उनकी ओर से मिली राशि का पाई-पाई हिसाब नहीं दिया जाता है, तो कार्रवाई तय है। इसके लिए 27 अगस्त की सीमा तय की गयी है। ज्ञात हो कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के 54 महाविद्यालय इसकी जद में हैं।

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