आरा-सासाराम रेलखंड पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का परिचालन

रोहतास। आरा-सासाराम रेलखंड पर चलने वाली डेमू को छोड़ अन्य सभी ट्रेनों को इलेक्ट्रिक इंजन से लैस कर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 May 2019 05:29 PM (IST) Updated:Sun, 26 May 2019 05:29 PM (IST)
आरा-सासाराम रेलखंड पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का परिचालन
आरा-सासाराम रेलखंड पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का परिचालन

रोहतास। आरा-सासाराम रेलखंड पर चलने वाली डेमू को छोड़ अन्य सभी ट्रेनों को इलेक्ट्रिक इंजन से लैस कर दिया गया है। अब इस खंड पर डीजल इंजन से निकलने वाली छुक-छुक की आवाज पूरी तरह खत्म हो गई है। वहीं विद्युतीकरण कार्य होने के बाद लोगों द्वारा इस रेलखंड को दोहरीकरण करने की आवाज उठाई जाने लगी है। विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने नवनिर्वाचित सांसदों से रेलखंड को दोहरीकरण कराने की मांग की है। ताकि रेल सुविधा और बेहतर बन सके।

स्टेशन प्रबंधक उमेश कुमार की माने तो आरा-सासाराम रेलखंड पर चलने वाली दो जोड़ी डेमू को छोड़ अन्य सभी ट्रेनों को इलेक्ट्रिक इंजन से जोड़ दिया गया है। आने वाले दिनों में डेमू के स्थान पर विभाग मेमू ट्रेन चला सकता है। फिलहाल इस खंड पर आरा-डीडीयू पैसेंजर, आरा-सासाराम पैसेंजर, पटना-सासाराम फास्ट पैसेंजर, पटना-भभुआ इंटरसिटी व आरा-रांची साप्ताहिक एक्सप्रेस इलेक्ट्रिक इंजन से चल रही है। सासाराम में बने नए प्लेटफार्म चालू हो जाने के बाद इस खंड पर रेल सेवा में वृद्धि होने की संभावना है।

गौरतलब है कि 1978 में आरा-सासाराम छोटी लाइन का अस्तित्व खत्म होने के बाद वित्तीय वर्ष 2005-06 में सासाराम से बिक्रमगंज तक बन कर तैयार रेल लाइन पर पैसेंजर ट्रेन तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद ने शुरू कराई थी। उसके बाद छह दिसंबर 2006 को इसे विस्तारित कर पीरो से ट्रेन चलाई गई। 2009 में आरा से सासाराम तक ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ। 2006 से 21 मई 2019 तक इस खंड पर चलने वाली ट्रेनें डीजल इंजन से ही चलती थी। लगभग 73 करोड़ की लागत से हुए विद्युतीकरण कार्य का अंतिम रूप से निरीक्षण इसी वर्ष 30 मार्च को उत्तर रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त ने किया था। जिसके बाद अब इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलनी शुरू हो गई।

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