पैसे की ताकत के सामने दब जाता है सच्चा प्यार

एक सच्चा दोस्त वही होता है जो हर मुसीबत में साथ खड़ा होता है और गलत रास्ते पर चलने से रोकता है

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Feb 2020 11:56 PM (IST) Updated:Sun, 23 Feb 2020 11:56 PM (IST)
पैसे की ताकत के सामने दब जाता है सच्चा प्यार
पैसे की ताकत के सामने दब जाता है सच्चा प्यार

पटना। एक सच्चा दोस्त वही होता है जो हर मुसीबत में साथ खड़ा होता है और गलत रास्ते पर चलने से रोकता है। युवावस्था में अक्सर सच्चे दोस्त और मतलब के रिश्ते को पहचानना मुश्किल हो जाता है। इस दौर में आदमी ज्यादा भावनात्मक फैसले लेता है। कई बार ये फैसले गलत साबित हो जाते हैं और तब पछतावा होता है। रविवार को कालिदास रंगालय परिसर में कुछ ऐसी कहानी देखने को मिली।

रंजन कुमार लिखित एवं निर्देशित नाटक 'बिहाइंड द कैमरे' के जरिए कलाकारों ने युवाओं की प्रेम कहानी और प्रेम में धोखे को केंद्रित कर सभी को आनंदित किया। उत्कर्ष और रितु कॉलेज में अच्छे दोस्त होते हैं। उत्कर्ष रितु से प्यार करता है, लेकिन रितु कॉलेज के ही अमीर लड़के हनी से प्यार करती है। उत्कर्ष, हनी को पार्क में दूसरी लड़की के साथ देखता है और इसकी जानकारी रितु को देता है। लेकिन रितु, उत्कर्ष की बातों को गलत ठहराती है। हालांकि, बाद में रितु को हनी की सच्चाई का पता चलता है तो उसे अपने बर्ताव पर अफसोस होता है। लेकिन तब तक बहुत देर हो जाती है। उत्कर्ष, रितु को भुलाकर नये सिरे से जिदंगी जीना आरंभ कर देता है और वह फिल्म निर्देशक बन जाता है। उधर रितु की शादी किसी और के साथ हो जाती है। शादी के कुछ दिन बाद रितु के पति की सड़क हादसे में मौत हो जाती है। उत्कर्ष फिल्म की शूटिंग करने में लगा रहता है तभी रितु से उसकी मुलाकात होती है और फिर दोनों पुराने दिनों को याद कर अपनी दोस्ती और प्रेम को नये सिरे से आरंभ कर जीवन व्यतीत करते हैं। मंच पर रंजन कुमार, आकांक्षा प्रिया, शिवम कुमार, ज्ञान पंडित, पवन कुमार आदि ने बेहतर अभिनय से सभी का दिल जीता।

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