नौनिहालों के सपनों को पंख देंगे शिक्षक व अभिभावक

पटना : पटना सहित राज्य के सभी जिलों के सरकारी व सहायता प्राप्त प्राथमिक और मिडिल स्कूलों।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Apr 2017 03:05 AM (IST) Updated:Fri, 21 Apr 2017 03:05 AM (IST)
नौनिहालों के सपनों को पंख देंगे शिक्षक व अभिभावक
नौनिहालों के सपनों को पंख देंगे शिक्षक व अभिभावक

पटना : पटना सहित राज्य के सभी जिलों के सरकारी व सहायता प्राप्त प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में गुरुवार को शिक्षक-अभिभावक मीट का आयोजन किया गया। इसमें अभिभावकों और शिक्षकों ने बच्चों के सपनों को साकार करने के लिए साथ-साथ काम करने की बात कही। शिक्षकों ने बच्चों की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट सौंपते हुए उसकी खूबी और खामी से अभिभावकों को रूबरू कराया। किस विषय में बच्चे बेहतर हैं और किस में अधिक मेहनत की जरूरत है, यह अभिभावकों को संबंधित विषयों के शिक्षकों ने बताया। वहीं, अभिभावकों ने स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता और बेहतर करने के लिए कई सुझाव दिए।

दो लाख से अधिक अभिभावक पहुंचे स्कूल :

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रामसागर सिंह ने बताया कि सात लाख से अधिक बच्चों को गुरुवार को रिपोर्ट कार्ड दिया गया। जिले के प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में दो लाख से अधिक अभिभावक पहुंचे और स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता बेहतर करने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।

सामग्री प्राप्ति का कॉलम रहा गया खाली :

रिपोर्ट कार्ड मे 15 से अधिक कॉलम हैं। इनमें सामग्री प्राप्ति का कॉलम खाली ही रह गया। इसमें पाठ्य-पुस्तक, पोशाक तथा छात्रवृत्ति मिलने की तिथि अंकित करनी थी। प्राचार्यो ने बताया कि अभी भी कई बच्चों को योजना राशि नहीं मिल सकी है। इस कारण इस कॉलम को भरा नहीं जा सका है।

31 फीसद बच्चों को 'ए' ग्रेड

पटना जिले में वार्षिक मूल्यांकन में शामिल 31 फीसद बच्चों को 'ए' ग्रेड (81 फीसद से अधिक), 58 फीसद को 'बी' (61 से 80फीसद के बीच), नौ फीसद को 'सी' (41 से 60 फीसद के बीच) और एक-एक फीसद बच्चों को क्रमश: 'डी' (31 से 40 फीसद के बीच) और 'ई' (30 फीसद से कम) ग्रेड मिली है। सभी बच्चों का अगली कक्षा में नामांकन लिया जाएगा।

अभिभावकों ने जाना कितने दिन बच्चे आए स्कूल :

रिपोर्ट कार्ड में दर्शाया गया है कि किस माह में कितने दिन स्कूल खुले रहे और इनमें से कितने दिन बच्चे उपस्थित रहे। सह-शैक्षणिक गतिविधियों में रुचि और प्रदर्शन से संबंधित 12 मानदंडों पर बच्चों की ग्रेडिंग की गई।

इस साल हर माह होगा मूल्यांकन :

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि इस साल से हर माह मूल्यांकन स्कूल स्तर पर किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट अभिभावकों को दी जाएगी। एक-एक बच्चे की प्रगति रिपोर्ट से अभिभावकों को शिक्षक रूबरू कराएंगे।

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