सुशील मोदी का ट्वीट- वीएस येदुरप्पा ने अटल जी की परंपरा का पालन किया

सुशील मोदी ने कहा कि वीएस येदुरप्पा ने अटल जी की परंपरा का पालन करते हुए इस्‍तीफा दे दिया। यह एक सम्‍मानजनक विकल्‍प था।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Sat, 19 May 2018 07:17 PM (IST) Updated:Sun, 20 May 2018 09:29 PM (IST)
सुशील मोदी का ट्वीट- वीएस येदुरप्पा ने अटल जी की परंपरा का पालन किया
सुशील मोदी का ट्वीट- वीएस येदुरप्पा ने अटल जी की परंपरा का पालन किया

पटना [राज्य ब्यूरो]। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक में राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी के नेता वीएस येदुरप्पा को सरकार बनाने का अवसर पहले देने में कोई गलती की और न उन्हें दो सप्ताह का समय देने से कोई आसमान टूट पड़ा था, लेकिन सत्ता के लिए व्याकुल लोगों की अर्जी पर एक मुश्किल काम के लिए समय जितना कम कर दिया गया था, उसमें मुख्यमंत्री का इस्तीफा ही सम्मानजनक विकल्प था। येदुरप्पा ने शक्ति परीक्षण के बजाय अटल जी की परंपरा का पालन किया।  

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में राज्यपाल का फैसला जिन्हें गलत लगा, वे भूल गए कि 2005 में झारखंड के राज्यपाल ने कांग्रेस-झामुमोगठबंधन को बहुमत साबित करने के लिए 15 नहीं, पूरे 19 दिनों का वक्त दिया था। फिर भी भाजपा ने आधी रात में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाया था। जब सत्ता जाती है तब आपातकाल लगाने वालों को लोकतंत्र की याद आती है।

उन्‍होंने कहा कि बिहार और गोवा की सरकारें महीनों पहले सदन में बहुमत सिद्ध कर चुकी हैं। वे अपने दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर रही हैं, लेकिन प्रचार पाने के लिए हताश विपक्ष बिना संख्याबल के राजभवन जाकर अस्थिरता का वातावरण बनाना चाहता है। एनडीए की सरकारें राजद-कांग्रेस की मेहरबानी से नहीं चल रही हैं। बहुमत होता तो वे सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाते, सड़क पर धरना-प्रदर्शन नहीं करते।

सुशील मोदी ने कहा कि 222 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में मात्र 38 विधायकों की पार्टी के नेता को मुख्यमंत्री बनाने के लिए 78 विधायकों की पार्टी का बिन मांगे समर्थन करना और 104 विधायकों की सबसे बड़ी पार्टी को सत्ता से बाहर रखने की जिद करना क्या लोकतंत्र का सम्मान है?

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