सुशील मोदी का कटाक्ष- जब्त संपत्ति सरकार को सौंपने की घोषणा करें तेजस्वी

सुशील मोदी ने तेजस्‍वी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि तेजस्‍वी यादव को अपनी सभी बेनामी संपत्ति को सरकार को सौंपने की घोषणा करनी चाहिए।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Thu, 14 Jun 2018 08:44 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jun 2018 10:27 PM (IST)
सुशील मोदी का कटाक्ष- जब्त संपत्ति सरकार को सौंपने की घोषणा करें तेजस्वी
सुशील मोदी का कटाक्ष- जब्त संपत्ति सरकार को सौंपने की घोषणा करें तेजस्वी

पटना [राज्य ब्यूरो]। उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि महज 28 वर्ष की उम्र में ढेरों संपत्ति के जब्त होने का रिकार्ड बनाने वाले तेजस्वी यादव को अपने पिता की छाया से बाहर आकर सभी बेनामी संपत्ति को सरकार को सौंपने की घोषणा करनी चाहिए।

उपमुख्‍यमंत्री ने कहा कि लालू प्रसाद पर तो 50 वर्ष की उम्र में भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। वहीं, तेजस्वी ने उनके इस रिकार्ड को तोड़ दिया है। वे 28 वर्ष की उम्र में ही 28 से ज्यादा बेनामी संपत्ति हासिल करने के आरोप में घिर चुके हैं। संभवत: तेजस्वी देश के अकेले ऐसे नेता हैं जिनकी इतनी संपत्ति जब्त हो चुकी है। मोदी ने कहा है कि तेजस्वी यादव को घोषणा करनी चाहिए कि उनको कानून की समझ नहीं थी और उनके पिता ने उन्हें अपने भ्रष्टाचार का साझीदार बना कर फंसा दिया और अब वे अपनी तमाम बेनामी संपत्ति सरकार को वापस कर रहे हैं, ताकि सरकार वहां अस्पताल, स्कूल, अनाथालय आदि का निर्माण करा सके।

उन्होंने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि जनता जवाब मांग रही है कि ईडी द्वारा जब्त संपत्ति के मामले को लेकर कोर्ट जाने की बात करने वाले तेजस्वी यादव अपनी कुर्सी गंवाने के एक साल बाद भी क्यों नहीं बता पा रहे हैं कि पटना की इस कीमती 3 एकड़ जमीन के मालिक कैसे बने? रेलमंत्री लालू प्रसाद की कृपा से क्रिकेट की आइपीएल टीम में एक्सट्रा प्लेयर के रूप में शामिल तेजस्वी ने कभी कोई मैच नहीं खेला, न ही क्रिकेट में ऐसी कोई शोहरत हासिल की, न पढ़ाई पूरी की और न ही कोई नौकरी-व्यवसाय किया फिर पटना में करोड़ों की जमीन के वे मालिक कैसे बन गए?

उपमुख्यमंत्री ने कहा, लोग यह जानना चाह रहे कि  लालू प्रसाद का दावा रहा है कि वे बहुत ही गरीब परिवार में पैदा हुए थे। ऐसे में तेजस्वी यादव को विरासत में कोई अकूत संपत्ति जब मिली नहीं तो फिर 28 वर्ष की उम्र में 28 से ज्यादा सम्पत्ति के मालिक कैसे बन गए? तथा क्या कारण है कि नोटबंदी के महज चार दिन बाद डिलाइट मार्केटिंग का नाम बदल कर 'लारा प्रोजेक्ट' कर सरला गुप्ता व अन्य की जगह राबड़ी देवी और तेजस्वी इस कंपनी के निदेशक और करोड़ों की जमीन के मालिक बन गए?

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