लालू के लाल का नया बवाल, इधर मुश्किल में पार्टी उधर डैमेज कंट्रोल में जुटा परिवार

लालू यादव के लाल तेज प्रताप यादव ने फिर पार्टी व परिवार में बगावत का बिगुल फूंका है। इससे राजद नेताओं में नराजगी है। लालू व राबड़ी बेटे को समझाने में लगे हैं। जानिए मामला।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sun, 31 Mar 2019 01:42 PM (IST) Updated:Tue, 02 Apr 2019 12:40 AM (IST)
लालू के लाल का नया बवाल, इधर मुश्किल में पार्टी उधर डैमेज कंट्रोल में जुटा परिवार
लालू के लाल का नया बवाल, इधर मुश्किल में पार्टी उधर डैमेज कंट्रोल में जुटा परिवार

पटना [जेएनएन]। राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव फिर नई मुश्किल में हैं। इस बार बगावत की चिंगाारी घर से ही फूटी है। मामला बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का पार्टी व परिवार के खिलाफ फिर मोर्चा खोलने का है। तेज प्रताप लोकसभा चुनाव में जहानाबाद व शिवहर सीटों पर अपनी पसंद के प्रत्‍याशी चाहते हैं, जबकि उनके भाई तेजस्‍वी यादव ने जहानाबाद से ऐसे प्रत्‍याशी को टिकट दे दिया है, जिसे तेज प्रताप देखना नहीं चाहते।
इस बीच बगावती तेवर अपनाए तेज प्रताप यादव ने अपना अलग संगठन 'लालू-राबड़ी मोर्चा' बनाकर चार सीटों पर उम्‍मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है। साथ ही अपने ससुर को सारण सीट से राजद का टिकट देने का विरोध करते हुए कहा है कि अगर वहां से उनकी मां राबड़ी देवी चुनाव नहीं लड़ती हैं तो वे खुद निर्दलीय चुनाव लड़ जाएंगे। तेज प्रताप के इस तेवर से पार्टी के बड़े नेताओं की नाराजगी को देखते हुए लालू डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं। राबड़ी देवी भी अपने नाराज बेटे को समझाने में भी लगी हैं। लेकिन फिलहाल इसका असर नहीं दिख रहा है।
क्‍या है ताजा मामला, जानिए
लालू प्रसाद यादव के लाल तेज प्रताप यादव ने पार्टी व परिवार में माेर्चा खोल दिया है। पहले पत्‍नी एेश्‍वर्या राय से तलाक मामले में परिवार से अलग-थलग पड़े तेज प्रताप धीरे-धीरे पार्टी में भी हाशिए पर चले गए हैं। अब लोकसभा चुनाव में युवाओं को आगे बढ़ाने के बहाने उन्‍होंने पार्टी में अलग मोर्चा खोल दिया है।
वे दो संसदीय सीटों जहानाबाद व शिवहर पर अपनी पसंद के प्रत्याशी चाहते हैं। वे सारण की सीट से अपने ससुर चंद्रिका राय को प्रत्‍याशी बनाए जाने का भी विरोध कर रहे हैं। लेकिन दो दिनों पहले तेजस्‍वी यादव ने उनकी पसंद को दरकिनार करते हुए जहानाबाद से पार्टी के प्रत्‍याशी की घोषणा कर दी तो शिवहर में प्रत्‍याशी के नाम को पेंडिंग रखा।
इससे खफा तेज प्रताप अब अपने घोषित प्रत्‍याशियों से निर्दलीय नामांकन कराएंगे तथा उनके समर्थन में खुद खड़े रहेंगे। साथ ही तेज प्रताप ने 'लालू-राबड़ी मोर्चा नामक अलग संगठन बनाकर अपने चार उम्‍मीदवारों को उतारने की घोषणा कर दी है। तेज प्रताप सारण सीट पर अपने ससुर को भी चुनौती दे सकते हैं।

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सुझाव को तेजस्‍वी ने किया दरकिनार
महागठबंधन के साझा संवाददाता सम्‍मेलन के ठीक पहले तेज प्रताप यादव ने जहानाबाद व शिवहर से अपने प्रत्‍याशियों क्रमश: चंद्र प्रकाश व अंगेश सिंह को टिकट देने का सुझाव दिया था। संवाददाता सम्‍मेलन में तेज प्रताप यादव के छोटे भाई तेजस्‍वी यादव ने सुझाव को दरकिनार कर जहानाबाद से पार्टी के प्रत्‍याशी की घोषणा कर दी। वहीं, शिवहर से प्रत्‍याशी के नाम की घोषणा नहीं की। संवाददाता सम्‍मेलन में जब तेज प्रताप के प्रत्‍याशियों की बाबत सवाल उठे तो तेजस्‍वी ने कहा कि वह 'सुझाव' मात्र था।

अपने प्रत्‍याशियाें के समर्थन में बगावत
बताया जाता है तेज प्रताप यादव इस पूरे प्रकरण से खफा हैं। अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वे चंद्रप्रकाश से निर्दलीय नामांकन कराएंगे तथा उनका समर्थन करेंगे। तेज प्रताप ने कहा कि जहानाबाद सीट को लेकर तेजस्वी ने उन्‍हें भ्रम में रखा तथा तीन बार से हारते आ रहे सुरेंद्र यादव को टिकट दे दिया गया। तेज प्रताप ने कहा कि उन्‍होंने तेजस्वी से अंगेश सिंह को शिवहर से प्रत्‍याशी बनाने का आग्रह किया, तेजस्वी ने दो दिनों की मोहलत मांगी। लेकिन वह वक्‍त बीत गया है। अंगेश को भी टिकट नहीं मिला तो वे भी निर्दलीय पर्चा भरेंगे।
इस कारण सुरेंद्र यादव से खफा तेज प्रताप
जहानाबाद के राजद प्रत्याशी सुरेंद्र यादव और तेज प्रताप के बीच खटपट कुछ दिनों पहले ही हुई है। पिछले महीने तेज प्रताप के आवास के पास स्थित सुरेंद्र यादव के आवास के बाहर एक बारात आई थी। इस दौरान लाउडस्पीकर बजाने के कारण हो रहे शोर को लेकर सुरेंद्र यादव और तेज प्रताप के समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी। तेज प्रताप के समर्थकों के कहने के बावजूद सुरेंद्र यादव के समर्थक शोर करते रहे। बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया, लेकिन तल्खी बरकरार है।

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पहले भी पार्टी व परिवार के खिलाफ खोल चुके मोर्चा
दरअसल, तेज प्रताप की परिवार व पार्टी में नाराजगी की यह घटना पहली नहीं है। पहले भी वे अपने घर में कुछ बाहरी लोगों के हस्‍तक्षेप के कारण अपनी स्थिति हल्‍की होने का आरोप लगा चुके हैं। पार्टी के प्रदेश अघ्‍यक्ष रामचंद्र पूर्वे के खिलाफ भी उन्‍होंने बयान दिए हैं। पत्‍नी ऐश्‍वर्या राय से तलाक मामले में परिवार से समर्थन नहीं मिलने के कारण नाराज तेज प्रताप पहले तो घर छोड़कर लंबे समय तक काशी-मथुरा-वृंदावन में रहे, जब वापस आए तो घर नहीं गए। अब वे दूसरे बंगले में रह रहे हैं।

तेज प्रताप यादव से नाराज राजद नेता
तेज प्रताप से राजद के बड़े नेता नाराज बताए जा रहे हैं। पार्टी कार्यालय में उनके जनता दरबार हों, सार्वजनिक सभाएं हों या क्षेत्र भ्रमण, उनके साथ पार्टी को कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आता। पार्टी के बड़े आयोजनों में भी वे नजर नहीं आते। दो दिनों पहले महागठबंधन के साझा संवाददाता सम्‍मेलन में भी उन्‍हें नहीं बुलाया गया था।
डैमेज कंट्रोल में जुटे लालू-राबड़ी
मिली जानकारी के अनुसार ठीक चुनाव के पहले आई इस आफत से लालू यादव परेशान हैं। वे डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। लालू यादव व राबड़ी देवी के जरिए बेटे तेज प्रताप यादव को समझाने की कोशिश जारी है। हालांकि, अभी तक इसका कोई परिणाम सामने नहीं आया है।
राबड़ी देवी ने खुद हस्तक्षेप करते हुए रविवार को तेज प्रताप से बात करके उन्हें मनाने-समझाने की कोशिश की। लालू प्रसाद की बीमारी और गैर मौजूदगी का भी हवाला दिया गया। उनका इरादा जानने की कोशिश की। माना जा रहा है कि राबड़ी के हस्तक्षेप के बाद अगले एक-दो दिनों में कोई न कोई समाधान निकल जाएगा।
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद ने पारिवारिक मसले को सुलझाने और पार्टी नेतृत्व को सिर्फ चुनाव पर ध्यान फोकस करने की हिदायत दी है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी चुनाव के दौरान इस तरह के विवाद से पार्टी को बचाने का आग्रह किया है। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने भी राबड़ी और लालू प्रसाद को हस्तक्षेप करते हुए मामले को जल्द सुलझाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय ऐसे विवादों से लालू परिवार की जगहंसाई हो रही है।
घर से दूरी बन रही बाधक
पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक मांगने के बाद से तेज प्रताप अपनी मां राबड़ी देवी के सरकारी आवास से अलग रहते हैं। राज्य सरकार ने उन्हें विधायक की हैसियत से राजधानी में अलग सरकारी आवास दे दिया है। परिवार के लिए यह सबसे बड़ी दिक्कत है। दूर रहने की वजह से तेजप्रताप से आमने-सामने बैठकर पारिवारिक बातें नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में बातचीत के लिए सिर्फ फोन ही सहारा है।
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