जिद पर अड़े ऐश्वर्या-तेजप्रताप, सुलह की कोशिश फेल, अब दोनों लड़ेंगे तलाक का केस

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव और उनकी पत्नी एेश्वर्या राय के बीच सुलह की सारी कोशिशें नाकाम रहीं। अब दोनों कोर्ट में तलाक का केस लड़ेंगे।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Fri, 09 Aug 2019 09:27 AM (IST) Updated:Fri, 09 Aug 2019 01:39 PM (IST)
जिद पर अड़े ऐश्वर्या-तेजप्रताप, सुलह की कोशिश फेल, अब दोनों लड़ेंगे तलाक का केस
जिद पर अड़े ऐश्वर्या-तेजप्रताप, सुलह की कोशिश फेल, अब दोनों लड़ेंगे तलाक का केस

पटना, जेएनएन। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े पुत्र विधायक एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के बीच आखिरकार सुलह नहीं हो सकी। पटना सिविल कोर्ट ने ऐश्वर्या की ओर से दिए गए घरेलू हिंसा संबंधी आवेदन पर प्रोटेक्शन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। इससे साफ हो गया है कि दोनों के तलाक के मामले पर सुनवाई शुरू होगी।  

गुरुवार को ऐश्वर्या पटना सिविल कोर्ट में दोपहर एक बजे पहुंचीं। साथ में उनके विधायक पिता चन्द्रिका राय और मां भी आए थे। इन्हें देखने अदालत परिसर में भीड़ लग गई। कुछ देर बाद तेज प्रताप भी सिविल कोर्ट पहुंचे।

सिविल कोर्ट परिसर में दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता मालविका राजकोरिया और अमित खेमका पहुंचे। मालविका ऐश्वर्या की अधिवक्ता हैं। खेमका दिल्ली से तेज प्रताप के पक्ष में बहस करने पटना आते रहे हैं। बताते हैं कि तेज प्रताप और ऐश्वर्या राय के बीच सुलह कराने के लिए काउंसलर ने दो घंटे तक कोशिश की।

कोर्ट सूत्रों की मानें तो दोनों के बीच समझौता कराने में काउंसलर असफल रहे। काउंसिलिंग के दौरान दोनों पक्ष अपनी-अपनी शिकायत पर अड़े रहे। 

विदित हो कि तेजप्रताप और ऐश्वर्या की शादी 12 मई 2018 को हुई थी। तेज प्रताप ने एक नवम्बर 2018 को ऐश्वर्या से तलाक लेने संबंधित आवेदन दिया था। तलाक से संबंधित मुकदमे के सिलसिले में आज दोनों कोर्ट परिसर में उपस्थित हुए थे। 

मीडिया हाउस अवमानना के घेरे में 

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय तथा परिजन के कोर्ट पहुंचने से पहले ही कई मीडिया कर्मी पटना सिविल कोर्ट परिसर में मौजूद थे। अदालत में तेजप्रताप ने 17 मीडिया हाउस पर कोर्ट की अवमानना का आवेदन दिया  है।

सूत्रों के अनुसार तेजप्रताप ने आवेदन में कहा है कि उनके तलाक की अर्जी के मामले में अदालत ने कोर्ट की कार्यवाही छापने या दिखाने पर रोक लगाई है। ऐसे में मीडिया को नोटिस जारी की जानी चाहिए। हालांकि कोर्ट ने अभी इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया है। 

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