कभी लालू के थे अली अशरफ फातमी, अब नीतीश के हो गए; आते ही राजद पर जमकर बरसे

दरभंगा के पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री अली असरफ फातमी ने रविवार को जदयू का दामन थाम लिया। उन्‍हें जदयू के प्रदेश अध्‍यक्ष वशिष्‍ठ नारायण सिंह ने पार्टी की सदस्‍यता दिलाई।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Sun, 28 Jul 2019 04:30 PM (IST) Updated:Sun, 28 Jul 2019 10:19 PM (IST)
कभी लालू के थे अली अशरफ फातमी, अब नीतीश के हो गए; आते ही राजद पर जमकर बरसे
कभी लालू के थे अली अशरफ फातमी, अब नीतीश के हो गए; आते ही राजद पर जमकर बरसे

पटना, जेएनएन। कभी लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के मजबूत सिपाही रहे दरभंगा के पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री अली असरफ फातमी (Ali Asraf Fatmi) ने रविवार को जनता दल यूनाटेड (JDU) का दामन थाम लिया। वे जदयू में शामिल होते ही राजद पर जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने तंज कसते हुए कहा कि राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) में काफी गिरावट आ गयी है और इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ेगा। उन्‍होंने बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की काफी प्रशंसा की। इसके पहले अली असरफ को जदयू के प्रदेश अध्‍यक्ष वशिष्‍ठ नारायण सिंह ने पार्टी की सदस्‍यता दिलाई। मौके पर जदयू के प्रदेश प्रवक्‍ता संजय सिंह समेत अनेक नेता मौजूद रहे। 

जदयू में शामिल होने के बाद अली असरफ फातमी ने कहा कि पूरी ताकत से हम जदयू के लिए काम करेंगे और विकास पुरुष नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत करेंगे। मैं नीतीश कुमार के कामों से काफी प्रभावित हूं और वे सबके लिए काम करते हैं। इसके पहले प्रदेश अध्‍यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने फातमी को पार्टी में शामिल करते हुए उनकी काफी प्रशंसा की। फातमी के साथ काफी संख्‍या में उनके समर्थक भी शामिल हुए। 

गौरतलब है कि राजद से निष्कासित पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी ने आठ जुलाई को ही दरभंगा में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर जदयू में जाने की घोषणा कर दी थी और कहा था कि जल्‍द ही तारीख का ऐलान कर देंगे। बाद में 28 जुलाई की तारीख उन्‍होंने निर्धारित की थी। इसके बाद रविवार को वे अपने समर्थकों के साथ विधिवत जदयू में शामिल हो गए।  

एक समय था जब अली अशरफ फातमी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के काफी नजदीकी थे। लेकिन अब वे मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के हो गए। दअरसल फातमी लोकसभा चुनाव में दरभंगा से राजद से टिकट चाहते थे, लेकिन दरभंगा सीट महागठबंधन के तहत वीआइपी पार्टी के कोटे में चली गई थी। इसके बाद उन्‍होंने राजद से विद्रोह करते हुए मधुबनी से बसपा के टिकट पर नामांकन कर दिया था। इसके बाद फातमी को राजद ने पार्टी से निष्‍कासित कर दिया था। 

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