MBA व LLM की डिग्री ले कर रहे मशरूम की खेती, बता रहे, ये है मुनाफे का सौदा

प्रोफेशनल डिग्री होल्डर को खेती करते सुना है? नहीं तो पटना आएं। बेलीरोड की ऑफिसर्स कॉलोनी में रहने वाले शशि सबके लिए एक उदाहरण बन गए हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Wed, 13 Feb 2019 03:43 PM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2019 03:43 PM (IST)
MBA व LLM की डिग्री ले कर रहे मशरूम की खेती, बता रहे, ये है मुनाफे का सौदा
MBA व LLM की डिग्री ले कर रहे मशरूम की खेती, बता रहे, ये है मुनाफे का सौदा

मृत्युंजय मानी, पटना। क्या घर में मशरूम की खेती की जा सकती है? आपने एेसा सुना है? बेली रोड स्थित एसबीआई ऑफिसर्स कॉलोनी में रहने वाले शशि कुमार ठाकुर खेती ही नहीं कर रहे वे बेरोजगारों को नई राह भी दिखा रहे हैं। शशि प्रतिदिन सात से दस किलो मशरूम का उत्पादन अपने घर के ही एक कोने में करते हैं। साथ ही उन्होंने बीज उत्पादन के लिए टिश्यू कल्चर लैबोरेटरी भी बना रखी है। यहां से तैयार बीज नेपाल, भूटान, नागालैंड भेजने के अलावा राज्य के प्रशिक्षित किसानों को उपलब्ध कराते हैं।

ट्रेन मे हुई मुलाकात के बाद आई सोच

शशि बताते हैं, 15 वर्ष की उम्र में वॉलीबॉल मैच खेलकर भुवनेश्वर से आने के क्रम में ट्रेन में सीएसआइआर के वैज्ञानिक डा. एमएस आलम से उनकी मुलाकात हुई। उन्होंने मशरूम उत्पादन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वैज्ञानिक ने उन्हें 500 ग्राम मशरुम का बीज भी उपलब्ध कराया। शुरुआत में शशि ने पांच बैग से मशरूम का उत्पादन प्रारंभ किया।

15 हजार की लागत से शुरू किया काम

भोजपुर जिला के बिहियां स्थित गौरा राजपुर गांव निवासी 55 वर्षीय ठाकुर 35 वर्षो से मशरूम की खेती कर रहे हैं। 15 हजार की लागत से इस कार्य को शुरू किया था और अब 15 लाख रुपये वार्षिक टर्न ओवर है। नागालैंड के 11 जिला में पटना में तैयार मशरूम के बीज की आपूर्ति होती है। 11 जिलों में इनका मशरूम केंद्र है। राज्य सरकार से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले किसान भी इनके पास से मशरूम का बीज ले जाते हैं। आइसीएसआरएस भी इनके केंद्र में तैयार बीज का इस्तेमाल करता है। छोटा सा टीसू कल्चर लैप बड़े काम का है। इसका शुभारंभ तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. सीपी ठाकुर किए थे। इनके केंद्र पर मशरूम का फूड प्रोडक्ट जैसे बेबी फूड, आचार आदि तैयार की जाती है।

अबतक 18 हजार को कर चुके हैं प्रशिक्षित

एमबीए और एलएलएम की डिग्री हासिल करने वाले शशि कुमार ठाकुर अब तक 18 हजार लोगों को मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दे चुके हैं। बाबा रामदेव, केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह और विधायक अरुण कुमार सिन्हा सहित कई लोग इनके मशरूम उत्पादन केंद्र का विजिट कर चुके हैं। मशरूम का सेवन कैंसर, गठिया आदि रोगों में काफी कारगर होता है। यह रोग प्रतिरोधक भी है। शशि कुमार ने बताया कि जागरुकता के अभाव में मशरूम उत्पादन को बढ़ावा नहीं मिल रहा है और न ही बिहार में इसकी मांग बढ़ रही है जबकि इसके उत्पादन के लिए बहुत जगह की जरुरत भी नहीं पड़ती। मकान की छत या फिर घर के किसी कोने में भी इसकी खेती की जा सकती है।

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