बिहार से छिन सकते हैं रोड और पुल के तीन बड़े प्रोजेक्‍ट; पटना, सारण, दरभंगा सहित कई जिलों को नुकसान

NHAI road and bridge projects in Bihar बीत गए पांच वर्ष पर सड़क क्या डीपीआर तक नहीं बन पाया तीन योजनाओं का भारतमाला शृंखला के तहत दो सड़कों के डीपीआर पर काम करना था एनएचएआइ को दीघा-सोनपुर पुल के समानांतर पुल के डीपीआर पर होना था काम

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 08:45 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 08:45 AM (IST)
बिहार से छिन सकते हैं रोड और पुल के तीन बड़े प्रोजेक्‍ट; पटना, सारण, दरभंगा सहित कई जिलों को नुकसान
बिहार में सड़क और पुल की योजनाओं पर ग्रहण। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। किसी सड़क के निर्माण को लेकर पांच वर्ष का समय काफी होता है, पर यहां निर्माण तो दूर पांच वर्षों में सड़क के निर्माण को ले विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तक नहीं तैयार कर पाया एनएचएआइ। वर्ष 2017 में एनएचएआइ को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भारतमाला शृंखला के तहत उमगांव-महिषी और चोरमा-बैरगनिया सड़क के लिए डीपीआर बनाए जाने का जिम्मा दिया था। इसके अतिरिक्त दीघा-सोनपुर पुल के डीपीआर को भी मंजूरी के लिए एनएचएआइ को दिया गया था, पर अभी तक डीपीआर को लेकर किसी तरह की सुगबुगाहट नहीं है। इस बीच चर्चा यह है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इन परियोजनाओं का जिम्मा एनएचएआइ से वापस लेने की तैयारी में है।

धार्मिक सर्किट के तहत बननी है उमगांव-महिषी सड़क

उमगांव-महिषी सड़क का निर्माण भारतमाला शृंखला के धार्मिक सर्किट के तहत किया जाना है। उमगांव मधुबनी के हरलाखी के समीप है। यह सड़क 105 किमी लंबाई में है। यह मधुबनी जिला से होते हुए दरभंगा, सुपौल व सहरसा जिले को संपर्कता प्रदान करेगी। यह उच्चैठ भगवती स्थान से महिषी स्थित उग्रतारा भगवती स्थान को जोड़ रही है।

चोरमा-बैरगनिया सड़क पर तीन बाइपास भी बनने हैं

चोरमा-बैरगनिया सड़क पूर्वी चंपारण को सीतामढ़ी से जोड़ रही है। यह सड़क मधुबन-ढाका-पकड़ीदयाल से बैरगनिया पहुंच रही है। 27 गांवों से होकर गुजरने वाली इस सड़क पर तीन बाइपास भी प्रभावित हैं। अभी तक इस सड़क के डीपीआर को लेकर कोई सुगबुगाहट तक नहीं है।

दीघा-सोनपुर पुल के समानांतर पुल पर भी कोई निर्णय नहीं

पटना के दीघा-सोनपुर पुल के समानांतर बनने वाले फोर लेन पुल को भी भारतमाला शृंखला के तहत शामिल कर लिया गया है। आरंभ में इसका निर्माण राज्य सरकार अपने स्तर से कराना चाहती थी, पर भारतमाला शृंखला में शामिल होने के बाद यह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को चला गया। राज्य सरकार ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा नए पुल के निर्माण को ले डीपीआर तैयार कराया था। उसे मंत्रालय को सौंपा गया। मंत्रालय ने इसे एनएचएआइ को सौंप दिया, पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है।

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