रस्म-ए-उल्फत को निभाएं तो निभाएं कैसे, हर तरफ आग है दामन को बचाएं कैसे .

जेडी वीमेंस कॉलेज के दर्शन शास्त्र विभाग और दर्शन परिषद के 41वें अधिवेशन का दूसरा दिन

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Dec 2018 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 13 Dec 2018 08:00 AM (IST)
रस्म-ए-उल्फत को निभाएं तो निभाएं कैसे, हर तरफ आग है दामन को बचाएं कैसे .
रस्म-ए-उल्फत को निभाएं तो निभाएं कैसे, हर तरफ आग है दामन को बचाएं कैसे .

जेडी वीमेंस कॉलेज के दर्शन शास्त्र विभाग और दर्शन परिषद के 41वें अधिवेशन कार्यक्रम के दूसरे दिन कॉलेज के संगीत विभाग की ओर से छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुति कर समारोह को यादगार बना दिया। वही संगीत विभागाध्यक्ष प्रो. रीता दास का सरोद वादन, चंदन कुमार का बांसुरी वादन, नीरज प्रकाश द्वारा फिल्मों गीतों की प्रस्तुति दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करने में लगी थी। दो दिवसीय महोत्सव को यादगार बनाने में कॉलेज की शिक्षिकाओं के साथ छात्राओं को उम्दा प्रदर्शन रहा। प्रो. रीता दास ने सरोद वादन की शुरुआत राग चारूकेशी, मध्य लय तीन ताल में महात्मा गांधी के धुन 'वैष्णव जन तो तेने कहिए' को पेश कर दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम को जीवंत बनाने में संगत कलाकारों में तबले पर सुबोध रंजन का सहयोग रहा। वही गजल गायक देवेंद्र मिश्रा ने समारोह को यादगार बनाने में एक से बढ़कर एक गजलों को पेश कर तालियां बटोरी। मिश्र ने 'रस्म-ए- उल्फत को निभाएं तो निभाएं कैसे, हर तरफ आग है दामन को बचाएं कैसे' दिल की राहों में उठाते हैं जो दुनियावाले, कोई कह दे कि वो दीवार गिराएं कैसे' को पेश कर सभागार में अतिथियों का दिल जीता। जैसे-जैसे कार्यक्रम समापन की ओर आगे बढ़ता जा रहा था। मंच पर आसीन कलाकार एक से बढ़कर एक गीतों को पेश करने में लगे थे। बांसुरी वादक चंदन कुमार ने उम्दा प्रस्तुति की। वही कॉलेज की छात्राओं ने बेहतर प्रस्तुति कर समारोह को यादगार बना दिया। समारोह के समापन पर कलाकार नीरज प्रकाश ने फिल्म 'जोकर' के गीत 'जाने कहां गए वो दिन' को पेश कर तालियां खूब बटोरी। मंच का संचालन प्रो. रीता दास ने किया।

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