दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाने के मामले में कोर्ट ने सुनाई फासी की सजा

गोपालगंज में एक नाबालिग बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म करने और फिर उसे मौत के घात उतारने के मामले में गोपालगंज कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 30 Jun 2018 03:36 PM (IST) Updated:Sat, 30 Jun 2018 04:17 PM (IST)
दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाने के मामले में कोर्ट ने सुनाई फासी की सजा
दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाने के मामले में कोर्ट ने सुनाई फासी की सजा

पटना [जेएनएन]। गोपालगंज में नाबालिग बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म करने और फिर उसे मौत के घाट उतार देने के मामले में कोर्ट ने फासी की सजा सुनाई है। शनिवार को दोषी को कोर्ट ने सजा सुनाई। गोपालगंज के एडीजे 1 भरत तिवारी ने मामले में नामजद आरोपी अजित कुमार को दोषी पाया और उसे फासी की सजा दी।

परिजन ने कहा-कोर्ट से मिला न्याय

दोषी को फासी की सजा मिलने के बाद पीड़ित परिजनों ने राहत की सास ली है। परिजनों का कहना है कि मामले में आरोपी दो लोग अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। जब तक उन्हें सजा नहीं मिलती हमें न्याय नहीं मिलेगा।

नौ मार्च को हुआ था अपहरण

गौर हो कि माझा थाना के पिपरा गाव की लड़की का नौ मार्च 2017 को अपहरण किया गया था। मृतका अपनी दो अन्य बहनों के साथ सो रही थी। इसी दौरान वह अचानक घर से लापता हो गई। अभी परिवार के लोग उसकी खोजबीन कर रहे थे कि माझा थाने की पुलिस ने 20 अप्रैल को सूचना दी कि गुजरात के वडोदरा जिले के मकरपुरा में बच्ची का जला हुआ शव बरामद किया गया है।

गुजरात से मिली थी बॉडी

इस सूचना के बाद परिवार के लोग वडोदरा पहुंचे। जहा उनकी नाबालिग पुत्री का शव मिला। घर से अपहरण करने के बाद लड़की को वडोदरा में किराए के मकान में रखा गया था। जहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया।

19 अप्रैल 2017 की रात्रि उसकी किरासन तेल छिड़ककर बंद कमरे में जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई। इस मामले में माझा थाने में काड संख्या 67/2017 प्राथमिकी दर्ज की गई जिसमें माझा थाने के कर्णपुरा गाव के अजित कुमार उसके भाई विशाल कुमार और पिपरा गाव के एक अन्य युवक को नामजद आरोपी बनाया गया।

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