CM नीतीश ने तोड़ी चुप्पी, कहा- गठबंधन चलाना सामूहिक जिम्मेदारी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली से पटना लौटने के क्रम में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि गठबंधन चलाना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।
पटना [जेएनएन]। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह से वापस पटना लौटने के क्रम में नई दिल्ली में एयरपोर्ट पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि गठबंधन चलाना सामूहिक जिम्मेदारी है और इसमें सबको देखना चाहिए कि गठबंधन कैसे चलता है?
उन्होंने कहा कि गठबंधन चलाना सामूहिक जिम्मेवारी होती है न कि किसी पार्टी या व्यक्ति विशेष की। मालूम हो कि बिहार में महागठबंधन को लेकर राजद और जेडीयू में लगातार उठापठक और बयानबाजी का खेल चल रहा है।
दोनों पार्टियों के प्रवक्ता लगातार एक दूसरे पर बयानों के तीर छोड़ रहे हैं। सीबाआई द्वारा राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के घर की गई छापेमारी और तेजस्वी यादव का घोटाले में नाम आने के बाद से नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर तेजस्वी को अपना स्टैंड क्लियर करने को और आरोपों को लेकर जनता के बीच सफाई देने को कहा था।
इस मुद्दे को लेकर दोनों दलों में बयानबाजी काफी तेज हो गयी है और अभी भी ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि बिहार में सरकार अस्थिरता के दौर से गुजर रही है। इस अनबन के बाद से तेजस्वी और नीतीश की दूरी सरकारी कार्यक्रम के दौरान भी देखने को मिली थी लेकिन कैबिनेट की बैठक में दोनों साथ दिखे थे। इस बैठक के बाद दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में आधे घंटे की मुलाकात भी हुई थी।
नीतीश कुमार के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात की चर्चा थी लेकिन उनकी औपचारिक मुलाकात नहीं हो सकी और नीतीश कुमार ने अपने कार्यक्रम में भी फेरबदल कर लिया। पहले उन्हें देर शाम लौटने की बात कही जा रही थी लेकिन नीतीश 2.40 की फ्लाइट से ही पटना लौट आए।
माना जा रहा था कि सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद महागठबंधन में सुलह के रास्ते निकल आएंगे, लेकिन एेसा होता नहीं दिख रहा है। नीतीश ने बयान दिया है लेकिन उन्होंने खुलकर कुछ भी नहीं कहा है। वहीं दूसरी ओर आज तेजस्वी यादव भी दिल्ली से पटना लौट रहे हैं। अब देखना होगा कि बिहार में अब राजनीतिक हालात में क्या फेर बदल होता है?
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महागठबंधन की गांठ का इससे ही पता लगाया जा सकता है कि इस बार तीनों दल अपने-अपने विधानमंडल की अलग-अलग बैठक कर रहे हैं। वहीं, पहले तीनों दल एक साथ संयुक्त बैठक करते थे और विधानसभा के सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी मिल-बैठकर तय करते थे। लेकिन इस बार तीनों दल की अलग बैठक हो रही है।
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