बिहारः एनडीए को हराने के लिए साथ आ सकते हैं राजद-कांग्रेस, लालू से मिलने दिल्ली पहुंचे नेता

Bihar Politics बिहार में विधान परिषद चुनाव के लिए राजद और कांग्रेस के बीच पहले से तय शनिवार की बातचीत टल गई है। राजद से बातचीत न होने पर तीनों ने आपस में विमर्श किया। परिषद चुनाव के लिए आए आवेदनों को देखा।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 22 Jan 2022 06:02 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jan 2022 06:02 PM (IST)
बिहारः एनडीए को हराने के लिए साथ आ सकते हैं राजद-कांग्रेस, लालू से मिलने दिल्ली पहुंचे नेता
Bihar Politics: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना: विधान परिषद के स्थानीय निकाय वाले चुनाव के लिए कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच बातचीत इस विषय को केंद्र में रख कर होगी कि किस सीट पर कौन उम्मीदवार एनडीए को शिकस्त दे सकता है। दोनों दलों के बीच पहले से तय शनिवार की बातचीत टल गई। 27-28 जनवरी को बातचीत संभव है। उस दिन राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस की बातचीत होगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह और प्रभारी भक्त चरण दास उसमें शामिल रहेंगे। 

लालू प्रसाद से मुलाकात के इरादे से कांग्रेस के ये तीनों नेता शनिवार को नई दिल्ली में जुटे। राजद से बातचीत न होने पर तीनों ने आपस में विमर्श किया। परिषद चुनाव के लिए आए आवेदनों को देखा। कुल डेढ़ दर्जन उम्मीदवारों में आठ-नौ को मजबूती से चुनाव लड़ने के लायक माना गया। इस सूची में माय समीकरण के कुछ ऐसे उम्मीदवार भी शामिल हैं, जिन्होंने राजद में भी आवेदन किया था। उनकी पसंदीदा सीटों पर राजद ने किसी और को तैयारी करने का निर्देश दे दिया है। पश्चिमी चंपारण, बेगूसराय, कटिहार और सहरसा जैसी सीटें इसमें शामिल हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा ने कहा कि साझे में लड़ कर एनडीए को भारी शिकस्त दे सकते हैं। राजद से बातचीत को लेकर हम उत्सुक हैं। सकारात्मक परिणाम की उम्मीद करते हैं। बता दें कि विधानसभा की दो सीटों के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस महागठबंधन से अलग हो गई थी। पार्टी ने आरजेडी के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि दोनों ही सीटों पर जदयू की जीत हुई। अब विधान परिषद चुनाव के लिए कांग्रेस दोबारा राजद के साथ आना चाहती है। भले ही अभी तक आरजेडी की ओर से सकारात्मक जवाब न मिला हो पर कांग्रेस ने उम्मीद नहीं तोड़ी है।

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