बिहार कैबिनेट: वित्तरहित कर्मियों को एक साथ मिलेगी तीन साल की सैलरी

बिहार कैबिनेट की बैठक में वित्तरहित शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों के भुगतान के लिए 4.91 अरब रुपये जारी किए हैं। इसके साथ ही कैबिनेट में कल 22 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Tue, 06 Feb 2018 06:05 PM (IST) Updated:Wed, 07 Feb 2018 04:53 PM (IST)
बिहार कैबिनेट: वित्तरहित कर्मियों को एक साथ मिलेगी तीन साल की सैलरी
बिहार कैबिनेट: वित्तरहित कर्मियों को एक साथ मिलेगी तीन साल की सैलरी

पटना [राज्य ब्यूरो]। राज्य सरकार ने प्रदेश के अनुदानित प्लस टू और हाईस्कूलों के लिए 3.30 अरब रुपये और प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों के बकाया वेतन भुगतान के लिए 4.91 अरब रुपये जारी किए हैं। प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी है।

कैबिनेट ने मंगलवार को शिक्षा विभाग के दो प्रस्तावों पर विमर्श किया। इसके बाद मंत्रिमंडल ने हाईस्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2010 से 2013 और प्लस टू स्कूलों को शैक्षणिक सत्र 2009 से 2013 तक के मेधा आधारित अनुदान के लिए कुल तीन सौ सैंतीस करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दे दी। सरकार के इस फैसले से तकरीबन एक हजार माध्यमिक और प्लस टू स्कूल के शिक्षकों को फायदा होगा।

राज्य कैबिनेट ने राज्य के वित्तरहित 715 हाईस्कूल और 508 इंटर कॉलेज के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन के लिए 337 करोड़ 49 लाख जारी करने की स्वीकृति दी। इस राशि से उक्त दोनों तरह के संस्थानों के 33,500 कर्मियों को 2011 से 2013 तक का बकाया वेतन एकमुश्त मिलेगा।

विश्वविद्यालयों को 2017-18 में वेतन भुगतान के लिए 491 करोड़ रुपये की मंजूरी 

मंत्रिमंडल ने एक अन्य प्रस्ताव में प्रदेश के तमाम विश्वविद्यालयों को 2017-18 में वेतन भुगतान के लिए चार सौ इक्यानवे करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी भी दी है। इस राशि में से 3.61 अरब रुपये गैर वेतनमद में खर्च किए जाएंगे शेष 1.29 अरब रुपये वेतन मद में खर्च होंगे।

किसान सलाहकारों का मानदेय 8 हजार से बढ़ाकर 12 हजार प्रति माह

किसान सलाहकारों का मानदेय 8 हजार से बढ़ाकर 12 हजार प्रति माह करने की मंजूरी कैबिनेट ने दी है। एक अप्रैल, 2017 की तिथि से इसका लाभ इन्हें दिया जाएगा। इसका लाभ राज्य में कार्यरत 6480 किसान सलाहकारों को मिलेगा। इनके मानदेय के लिए पूर्व से स्वीकृत 64.24 करोड़ राशि को बढ़ाकर 95.35 करोड़ कर दिया गया है।

बैठक के बाद कैबिनेट सचिवालय के विशेष सचिव यूएन पांडेय ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में विश्वविद्यालय कर्मियों के वेतन और पेंशन मद में 362 करोड़ और गैर वेतनादि मद में 130 करोड़ बिहार आकस्मिकता निधि से देने को मंजूरी मिली है।

सीमेंट फैक्ट्री सौर उर्जा प्लांट लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी 

राज्य सरकार ने मंगलवार को औरंगाबाद में 490 करोड़ की लागत से एक सीमेंट फैक्ट्री और गया की शेरघाटी में 81 करोड़ की लागत से सौर उर्जा प्लांट लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। राज्य मंत्रिमंडल ने उक्त आशय के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी।

बैठक के बाद कैबिनेट के विशेष सचिव यूएन पांडेय ने बताया कि श्री सीमेंट लिमिटेड 490 करोड़ की लागत से औरंगाबाद में 55 लाख टन क्षमता की सीमेंट इकाई की स्थापना करेगी। यहां तीस मेगावाट सौर ऊर्जा का भी उत्पादन होगा। श्री सीमेंट की यह फैक्ट्री न्यू बिहार सीमेंट प्लांट के नाम से जानी जाएगी।

फैक्ट्री के लिए 2.61 लाख वर्ग फीट जमीन की व्यवस्था की गई है। कंपनी मुख्य रूप से क्लिंकर, फ्लाई ऐश, स्लैब और जिप्सम का उपयोग कर सीमेंट बनाएगी। यहां अप्रैल 2018 से उत्पादन शुरू हो जाएगा।

दिल्ली की सनमार्क इनर्जी प्रोजेक्ट लिमिटेड गया की शेरघाटी में दस मेगावाट क्षमता का पावर प्लांट लगाएगी। इस पर 81.23 करोड़ का पूंजी निवेश होगा। सनमार्क इनर्जी के प्रोजेक्ट के लिए 2.40 लाख वर्ग फीट जमीन की व्यवस्था की गई है। कंपनी यहां फोटो वोल्टेक, पीवी सेल, इंवर्टर और स्काडा सिस्टम का उपयोग कर सौर उर्जा का उत्पादन करेगी। इस कंपनी में कुशल और अकुशल उन्नीस व्यक्तियों का नियोजन हो सकेगा।

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