बिहार में जदयू का खेल बिगाड़ने के बाद बंगाल और असम में चुनाव लड़ेगी चिराग पासवान की एलजेपी

लोक जनशक्ति पार्टी पश्चिम बंगाल और असम में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। हाल में बंगाल की लोजपा अध्यक्ष और उनकी टीम ने पार्टी प्रमुख चिराग पासवान से दिल्ली में मुलाकात कर चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। इसपर लोजपा संसदीय दल ने सहमति दी है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 30 Jan 2021 07:37 PM (IST) Updated:Mon, 01 Feb 2021 06:38 AM (IST)
बिहार में जदयू का खेल बिगाड़ने के बाद बंगाल और असम में चुनाव लड़ेगी चिराग पासवान की एलजेपी
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना: बिहार चुनाव में जदयू का खेल बिगाड़ने वाली लोक जनशक्ति पार्टी पश्चिम बंगाल और असम में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। इस साल दोनों प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं। हाल में बंगाल की लोजपा अध्यक्ष मीरा चक्रवर्ती और उनकी टीम ने पार्टी प्रमुख चिराग पासवान से दिल्ली में मुलाकात कर चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। इस पर लोजपा संसदीय दल ने सहमति दी है। 

लोजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय पासवान ने बताया कि बंगाल विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए वहां की पार्टी प्रमुख मीरा चक्रवर्ती पहले ही चिराग पासवान से आग्रह कर चुकी हैं। असम में भी लोजपा चुनाव लड़ेगी। इसके अतिरिक्त जिन प्रदेशों में चुनाव होंगे वहां लोजपा पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ने की अभी से तैयारी में है। उन्होंने बताया कि चिराग पासवान से विभिन्न राज्यों के पार्टी प्रमुखों ने भी चुनाव लड़ने का आग्रह किया है, जिससे पार्टी का विस्तार करने में मदद मिलेगी। इससे पार्टी को जनता के बीच बढ़ाने तथा मजबूत करने में मदद मिलेगी।

जदयू पहले ही कर चुका है घोषणा

यहां बता दें कि जदयू भी पश्चिम बंगाल में 75 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है। वहां इस बार भाजपा का ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से सीधा मुकाबला है। अब देखने वाली बात होगी कि लोजपा के चुनाव में उतरने से किसको फायदा और किसे नुकसान होता है।

बिहार में केवल एक सीट पर लोजपा को मिली थी कामयाबी

गौरतलब हो कि नवंबर में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी का काफी निराशाजनक प्रदर्शन रहा था। लोक जनशक्ति पार्टी केवल एक सीट ही जीत पाई थी। बेगूसराय के मटिहानी से पार्टी को कामयाबी मिली थी। चुनाव के दौरान एलजेपी ने जेडीयू का विरोध किया था। अपनी हर चुनावी सभा में चिराग जनता से जेडीयू को वोट न देने की अपील करते रहे थे। इस पर जेडीयू ने नाराजगी भी जताई थी। 

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