बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा नवादा का मिल्क चि¨लग प्लांट

नवादा जिला मुख्यालय स्थित मिल्क चि¨लग प्लांट अनेक तरह की बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Jan 2019 09:13 PM (IST) Updated:Wed, 02 Jan 2019 09:13 PM (IST)
बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा नवादा का मिल्क चि¨लग प्लांट
बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा नवादा का मिल्क चि¨लग प्लांट

नवादा जिला मुख्यालय स्थित मिल्क चि¨लग प्लांट अनेक तरह की बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा है। इसका सीधा असर दूध उत्पादन से जुड़े पशुपालकों व विभाग की लक्षित योजनाओं पर पड़ रहा है। नवादा में संकट मोचन मंदिर से आगे दुग्ध प्रशीतक केंद्र काम कर रहा है। यहां विभिन्न दूध उत्पादन सहयोग समितियों के माध्यम से दूध को सुरक्षित संग्रहित किया जाता है। चि¨लग प्लांट के सहायक दुग्ध संग्रहण पदाधिकारी लाला वंशीधर प्रसाद ने बताया कि केंद्र पर दूध स्टोरेज के लिए दो बड़े टैंक लगे हुए हैं। यहां 10 हजार लीटर तक दूध को स्टोरेज किया जा सकता है। अभी इस प्लांट में हर रोज करीब 62 सौ लीटर दूध प्रतिदिन पहुंच रहा है। बुनियादी सुविधाओं की कमी बताते हुए सहायक दुग्ध संग्रहण पदाधिकारी लाला वंशीधर प्रसाद ने बताया कि प्लांट की खाली पड़ी जमीन पर दूध उत्पादन से जुड़े किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र का होना बहुत जरूरी है। ताकि समय-समय पर सोसायटी के लोगों के साथ ही अन्य पशुपालकों को बुलाकर दूध उत्पादन से जुड़ी तकनीकी ज्ञान दिया जाए। वे बताते हैं कि प्रशिक्षण केंद्र के लिए प्लांट में पर्याप्त जमीन भी है। इसके अलावा वे फिल्ड स्टाफ की भी बहुत जरूरत बताते हैं। जो प्रखंड या पंचायतों में जाकर दूध उत्पादन से जुड़े पशुपालकों को दूध उत्पादन से जुड़े कार्याें की मॉनिट¨रग करें। इसके अलावा फिल्ड में जाने के लिए गाड़ी की भी जरूरत है। जो कि नहीं है। इससे भी कर्मियों को दिक्कत होती है। चि¨लग प्लांट में 5 कर्मी काम करते हैं।

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जिले में काम कर रही 80 समितियां

-जानकारी के मुताबिक नवादा जिले में 80 दूध उत्पादन सहयोग समितियां काम कर रही है। नवादा जिले में फिलहाल 6 मिल्क रूटों से दूध नवादा पहुंचता है। यहां चि¨लग प्लांट से होते हुए दूध गया मगध दूध उत्पादन सहकारी संघ जाता है। जहां से यह दूध सूधा दूध के पैकेट में पैक होकर ग्राहकों तक पहुंचती है। सहायक बताते हैं कि सभी 6 रूटों पर विभागीय गाड़ी चलती है। जहां हरेक दिन गाड़ियों में भरकर दूध नवादा लाया जाता है। मौजूदा समय में करीब 2400 किसानों से दूध जमा हो रहा है। हरेक समिति में करीब 30 किसान होते हैं।

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दूध में वसा की मात्रा के हिसाब से तय होती है रेट

-समितियों से जो भी दूध चि¨लग प्लांट तक आती है उसकी नवादा में टे¨स्टग की जाती है। यहां के कर्मी उसमें फैट यानि वसा की मात्रा मापते हैं। सहायक बताते हैं कि दूध में वसा की मात्रा के हिसाब से उस दूध की रेट तय होती है। औसतन गाय की दूध 29 से 32 रुपए प्रतिलीटर होती है। जबकि भैंस की प्रतिलीटर दूध की कीमत 35 से 40 रुपए तक होती है। सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद औसत 10 दिनों में संबंधित पशुपालक के बैंक खाता में दूध की रेट के अनुसार रकम भुगतान कर दी जाती है।

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क्या कहते हैं अधिकारी:

जिले में बीते कुछ वर्षाें में दूध संग्रहण की क्षमता बढ़ी है। इसे और बढ़ाए जाने की जरूरत है। चि¨लग प्लांट परिसर में दूध उत्पादकों को प्रशिक्षण देने के लिए ट्रे¨नग सेंटर का होना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही फिल्ड स्टाफ व विभागीय गाड़ी की भी जरूरत है। नवादा जिले में दूध उत्पादन को कई गुना तक बढ़ाने की अपार संभावना है।

लाला वंशीधर प्रसाद, सहायक दुग्ध संग्रहण पदाधिकारी, नवादा।

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ग्राफिक्स:

चि¨लग प्लांट में दूध संग्रहण की क्षमता-10 हजार लीटर

प्लांट तक इन दिनों पहुंच रहा दूध - औसत 62 सौ लीटर

प्लांट में दूध को स्टोरेज किया जाता है- 4 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान पर

जिले में मिल्क रूट- 6

दूध उत्पादन सहयोग समितियां- 80

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पैके¨जग

जनवरी के अंत तक होगी दूध उत्पादन प्रतियोगिता: दाउद कुमार राय

- जिला गव्य विकास पदाधिकारी दाउद कुमार राय नवादा जिले में दूध उत्पादन प्रतियोगिता के माध्यम से पशुपालकों खासकर दूध उत्पादन से जुड़े किसानों को प्रोत्साहित करने की जरूरत बताते हैं। इस प्रतियोगिता के तहत पशुपालक को नगद इनाम दिया जाता है। जिले में बीते कुछ वर्षों से यह प्रतियोगिता नहीं हुई है। इस बाबत दाउद कुमार राय ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि इस जनवरी माह के अंत तक नवादा में इस तरह की प्रतियोगिता कराई जाए। उन्होंने विभागीय योजना की जानकारी देते हुए बताया कि समग्र गव्य विकास योजना से 2, 4 व 10 गाय की खरीद पर सरकार अनुदान दे रही है। सामान्य जाति के लाभुक को 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। वहीं एससी-एसटी के लाभुक को 66.66 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए विभाग ने कई प्रावधान भी बनाए हैं।

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