अब पशुओं का नहीं होगा गर्भपात

पशु पालकों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उनके मवेशियों में गर्भपात की शिकायत नहीं मिलेगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Mar 2017 03:05 AM (IST) Updated:Sun, 26 Mar 2017 03:05 AM (IST)
अब पशुओं का नहीं होगा गर्भपात
अब पशुओं का नहीं होगा गर्भपात

नवादा। पशु पालकों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उनके मवेशियों में गर्भपात की शिकायत नहीं मिलेगी। राज्य स्तरीय पशु चिकित्सकों की टीम नरहट पशु चिकित्सालय पहुंची और प्रखंड के कुशा,जमुआरा, बरौली, नरायणपुर सहित कई गांवों में पहुंचकर दर्जनों गाय, भैंस तथा बकरी के खून का सैंपल लिया। माइक्रोबाइलॉजी के प्रो. डा. पंकज कुमार ने बताया कि मादा पशुओं में ब्रुसलेसिस नामक बीमारी होती है। पशु गर्भ धारण तो कर लेती है लेकिन पूरा काल तक वह गर्भ को नहीं रख पाती है। नतीजतन किसानों को काफी नुकसान सहना पड़ता है। अब इस रोग का निदान निकल गया है। इसका उपचार काफी सावधानी पूर्वक किया जाता है। श्री कुमार ने बताया कि पशुओं में ब्रुसलेसिस नामक किटानू होने के कारण तीन या चार माह में गर्भ धारण करने वाले पशु का गर्भपात हो जाता है। काफी लंबे शोध के पश्चात ऐसी जानकारी मिली तथा इसका उपचार भी ढूंढ लिया गया। अब यह रोग हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा।

पशुधन सहायक मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि इस क्षेत्र में सैकड़ों गाय तथा भैंस इस रोग के शिकार हैं। जिससे पशुपालक निराश हो जाते हैं। यह दवा इन मवेशियों के लिए शत प्रतिशत कारगर होगा। चिकित्सक टीकाकरण से पूर्व पीपी कीट पहन कर बड़े ही सावधानी से दवा देते हैं। ताकि इन्फेक्शन न हो। वेटनरी कॉलेज के प्रो. डा. पंकज ने बताया कि इस रोग से ग्रसित गाय अथवा भैंस का दूध मनुष्य को नहीं पीना चाहिए। क्योंकि ब्रुसलेसिस से ग्रसित गाय का दूध में इण्डुलेन नामक बीमारी पाई जाती है जो मनुष्य के लिए जान लेवा है। इसमें बुखार आ जाता है। इस बुखार को इण्डुलैंट बुखार कहा जाता है जो घातक होता है। इस रोग से ग्रसित मनुष्य के शरीर पर गिल्टी तथा गांठ हो जाता है। प्रखंड में 28 मार्च से अभियान चला कर इस रोग के लिए टीकाकरण किया जाएगा। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। दवा मुफत में दी जाएगी।

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