मकर मेला मगध साम्राज्य की पौराणिक सभ्यता-संस्कृति का परिचायक : प्रेम कुमार

राजगीर। मेला सैरात परिक्षेत्र स्थित युवा छात्रावास परिसर में आयोजित 8 दिवसीय मकर मेला का उद्घाटन सोमवार को कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार तथा पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर संयुक्त रूप से किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jan 2019 12:49 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jan 2019 12:49 AM (IST)
मकर मेला मगध साम्राज्य की पौराणिक सभ्यता-संस्कृति का परिचायक :  प्रेम कुमार
मकर मेला मगध साम्राज्य की पौराणिक सभ्यता-संस्कृति का परिचायक : प्रेम कुमार

राजगीर। मेला सैरात परिक्षेत्र स्थित युवा छात्रावास परिसर में आयोजित 8 दिवसीय मकर मेला का उद्घाटन सोमवार को कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार तथा पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर संयुक्त रूप से किया। कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने मगध साम्राज्य की राजधानी रहे मठ मंदिरों की आध्यात्मिक नगरी राजगीर के धार्मिक महत्व पर प्रकाश डाला। कहा कि यह पौराणिक महत्व को संजोए यह नगरी, समूचे विश्व समुदाय को प्रेम, अ¨हसा, सर्वधर्म समभाव का संदेश प्रसारित कर रहा है। जिसमें विविध त्योहारों के अवसर पर विभिन्न आयोजनों में यहां की सभ्यता संस्कृति प्रति¨बबित होती है। जिसमें कृषि क्षेत्र से जुड़े विभिन्न गतिविधियों में किसान भाईयों द्वारा कड़ी मेहनत के तहत उन्नत किस्मों के सब्जियों तथा अपने दुधारू मवेशियों की प्रर्दशनी लगाकर एक नई दिशा की ओर बढ़ रहे बिहार कृषि क्षेत्र की झलक प्रस्तुत करते हैं। यह मेला बदलते मौसम में उतार-चढ़ाव के दौरान खेतों को उपजाऊ फसलों को उगाने तथा लोगों के थाली में अन्न पहुंचाने के पीछे उनके अथक परिश्रम की दास्तान सुनाती है। जबकि मेले में दंगल प्रतियोगिता में सम्राट राजा जरासंध की वीरता तथा पराक्रम की की याद को ताजा कराता है। उन्होंने कहा इस मेले को राजकीय मेले का दर्जा दिया जाना चाहिए। वहीं पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि जब दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर मकर राशि में सूर्य का गमन चक्र प्रारंभ होता है। तो मकर संक्रांति का योग बनता है। कहा कि इस क्रम में संपूर्ण भारत में मकर संक्रांति के दिन मेले तथा विभिन्न धार्मिक गतिविधियों के आयोजन के दौरान राजगीर का मकर मेला पौराणिक महत्व व मान्यताओं को समेटे हुए है। उन्होंने कहा कि अपने धार्मिक पौराणिकता के विरासत के हर मानकों पर, राजगीर मकर मेला राजकीय मेले का दर्जा पाने के शर्त पर खरा उतरता है । वहीं उन्होंने कहा कि राजगीर हीं नहीं, बल्कि पूरे सूबे भर में पुरातत्व विभाग के अधीनस्थ पौराणिक महत्व के दर्शनीय स्थलों को उजागर कर बिहार सरकार उसे पर्यटन से जोड़ने की इच्छा रखती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंतव्य को रखते हुए उन्होंने कहा कि अजातशत्रु किला मैदान मगध साम्राज्य कालखंड एक ऐसा स्थल है। जिसका उत्खनन कर उसमें से प्राप्त पुरातात्विक चीजों को संग्रहालय में रख, भारत भ्रमण पर पहुंचे देशी विदेशी सैलानियों को उस काल के सभ्यता व अन्य ऐतिहासिक घटनाक्रम को प्रदर्शित सह उजागर किया जा सकता है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि नालंदा के सूरजपुर गांव में 72 एकड़ भूमि अधिग्रहण कर, पर्यटन विभाग बिहार के सभी विरासत से जुड़े, तथ्यों का समावेश कर, वहां एक सांस्कृतिक ग्राम नामक दर्शनीय स्थल की स्थापना करने जा रही है। जो नालंदा जिला के पर्यटन क्षेत्र में एक नया आयाम होगा। राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. धीरेन्द्र उपाध्याय, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक डॉ. जयनंदन पाण्डेय ने मकर मेला के संरक्षक रहे भूतपूर्व शिक्षा राज्यमंत्री सुरेंद्र प्रसाद तरुण को समर्पित किया। इस अवसर पर नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी विपिन बिहारी ¨सह, मुख्य पार्षद उर्मिला देवी, उप मुख्य पार्षद ¨पकी देवी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष श्याम किशोर भारती, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष सह वार्ड पार्षद विकास कुमार के अलावा वार्ड पार्षदों में मीरा कुमारी, श्रवण कुमार, अंजली कुमारी, कौशल्या देवी, डॉ. अनिल कुमार सहित भाजपा नेत्री साबो देवी, भाजपा जिला किसान प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष जामा ¨सह, रेलवे स्टेशन प्रबंधक एम के मिश्रा, नगरमंत्री रामलगन चौधरी, अनुपम कुमार क्षत्रिय, विक्रम कुमार आदि काफी संख्या में गणमान्य तथा सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे।

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