मधुबनी में श्रमदान और सहयोग से संवार दिया तालाब, जल संरक्षण का काम तेज

मधुबनी के चकदह गांव में 10 एकड़ में फैले तालाब का किया जीर्णोद्धार।100 एकड़ खेत की हो सकेगी सिंचाई भूजल का स्तर बढ़ाने में मिलेगी मदद। ग्रामीणों ने गांव के करीब 100 वर्ष पुराने 10 एकड़ के तालाब के जीर्णोद्धार की योजना बनाई।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 11:46 AM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 11:46 AM (IST)
मधुबनी में श्रमदान और सहयोग से संवार दिया तालाब, जल संरक्षण का काम तेज
इसके लिए लोगों को सदैव तत्पर रहना होगा।

मधुबनी, [कपिलेश्वर साह]। बारिश की एक-एक बूंद कीमती है। इसे सहेजकर हम अपना कल संवार सकते हैं। भूजल का स्तर बढ़ा सकते हैं। इसे अच्छी तरह से समझा है चकदह के लोगों ने। वे गांव के पुराने तालाब का आपसी सहयोग से जीर्णोद्धार कर रहे। किसी ने खोदाई की तो किसी ने मिट्टी हटाई। आॢथक सहयोग के लिए भी ग्रामीण आगे आए हैं। राजनगर प्रखंड की रांटी पंचायत का चकदह गांव बरसात के तीन महीने बारिश के पानी में डूबा रहता है। इसके बाद भी हर साल फरवरी के बाद ग्रामीण पेयजल संकट का सामना करते हैं। सिंचाई के लिए परेशान होते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए यहां के ग्रामीणों ने गांव के करीब 100 वर्ष पुराने 10 एकड़ के तालाब के जीर्णोद्धार की योजना बनाई। इसमें सहयोग के लिए आगे आई ग्राम विकास समिति। दो साल पहले ग्रामीणों ने 12 लाख रुपये जुटाए। इसका इंतजाम चंदे और गांव में चैती दुर्गा पूजा के आयोजन से बची राशि से किया गया। इसका इस्तेमाल तालाब के चारों और पक्कीकरण, ईंट, सीमेंट और ट्रैक्टर ट्राली के भाड़े पर किया गया। तालाब की सफाई, उसे गहरा करने के लिए खोदाई सहित श्रमदान का पूरा काम ग्रामीणों ने किया। तालाब के दो तरफ नालियां बनाई गई हैं। एक से बरसात का पानी जमा होगा। दूसरे का इस्तेमाल सिंचाई के लिए हो सकेगा। 

लगाए जाएंगे फलदार और औषधीय पौधे 

ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष बसंत कुमार चौधरी का कहना है कि तालाब के चारों ओर घाट का निर्माण कराया गया है। इस बार मानसून में वर्षा जल का संचय होगा। इससे वर्षा जल की बर्बादी रुकने के साथ भूजल का स्तर बढ़ेगा। ग्रामीण शशिनाथ चौधरी का कहना है कि इस तालाब से चकदह के साथ पास के पलिवार गांव के करीब 300 किसानों की 100 एकड़ खेत की सिंचाई हो सकेगी। साथ ही गांव सहित आसपास के खेतों को जलजमाव से छुटकारा मिलेगा। मवेशियों को पीने के लिए पानी सुलभ हो जाएगा।

मुखिया संतोष दास का कहना है कि बरसात में तालाब के किनारे 500 फलदार व औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इसके बाद गांव के छह एकड़ के दूसरे तालाब का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा। मधुबनी विधायक समीर कुमार महासेठ का कहना है कि इससे अन्य लोगों को सीख लेनी चाहिए। जल संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। 

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