मधुबनी के खजौली प्रखंड में लोकसभा चुनाव बिल में जांच टीम ने पकड़ी 18.53 लाख की गड़बड़ी

Madhubani त्रिस्तरीय जांच टीम की रिपोर्ट पर खजौली के पूर्व बीडीओ से जवाब तलब। वेंडर से प्राप्त भ्रामक बिल को नियम विरुद्ध तरीके से पारित करने का आरोप। बिल के भुगतान में नहीं की गई जीएसटी एवं आयकर की कटौती।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 05 Jan 2021 02:40 PM (IST) Updated:Tue, 05 Jan 2021 02:40 PM (IST)
मधुबनी के खजौली प्रखंड में लोकसभा चुनाव बिल में जांच टीम ने पकड़ी 18.53 लाख की गड़बड़ी
मधुबनी में लोकसभा चुनाव बिल में जांच टीम ने पकड़ी गड़बड़ी

मधुबनी, जागरण संवाददाता। लोक सभा आम चुनाव-2019 से संबंधित बिल में 18.53 लाख की गड़बड़ी सामने आई है। मामला जिले के खजौली प्रखंड से संबंधित है। त्रिस्तरीय जांच टीम ने यह गड़बड़ी पकड़ी और रिपोर्ट जिला पदाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपी गई। जांच रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए जिला पदाधिकारी ने खजौली प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी रतन कुमार दास से जवाब तलब किया है। वर्तमान में श्री दास बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद खजौली प्रखंड मुख्यालय से जुड़े कर्मियों में हड़कंप मचा है। 

व्यय राशि में जांच टीम ने पाया अंतर 

खजौली के तत्कालीन बीडीओ से जवाब तलब के लिए भेजे गए पत्र में जिला पदाधिकारी ने कहा है कि जांच के क्रम में त्रिस्तरीय जांच दल ने व्यय राशि में अंतर पाया है। गत लोक सभा आम चुनाव में 34 लाख 52 हजार 500 रुपये की अधियाचना एवं मांग की गई थी। जिसके विरुद्ध 32 लाख 80 हजार 480 रुपये व्यय भी किया गया। लेकिन, त्रिस्तरीय जांच समिति ने जांच के उपरांत 14 लाख 27 हजार 495 रुपये ही व्यय होने का उल्लेख करते हुए इतनी ही राशि भुगतान की अनुशंसा की है। जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हो रहा है कि राशि की अधियाचना एवं व्यय में वित्तीय नियमों की अनदेखी कर अनियमितता बरती गई है।

मनमाने तरीके से किया गया भुगतान 

जांच रिपोर्ट के अनुसार वेंडर द्वारा अत्यधिक राशि का बिल जमा किया जिसकी कोई जांच नहीं की गई। वित्तीय घोटाला एवं गबन की ओर ईशारा करता है। रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि जांच समिति द्वारा अनुशंसित राशि के विरुद्ध मनमाने तरीके से व्यय एवं भुगतान किया गया है। बिना सक्षम प्राधिकार से अनुमति लिए ही व्यय एवं भुगतान वित्तीय नियमों की अनदेखी कर की गई है। भुगतान में जीएसटी एवं आयकर की कटौती भी नहीं की गई। इससे राजकोष को क्षति पहुंची एवं वेंडर को अनावश्यक लाभ पहुंचाया गया। बिल के भुगतान में वित्त विभाग द्वारा निर्गत निर्देशों की भी अनदेखी की गई है। खजौली के तत्कालीन बीडीओ रतन कुमार दास को सात दिनों के अंदर ङ्क्षबदुबार स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है। 

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