12 घंटे में छह नवजात की मौत, 15 का चल रहा इलाज

एसकेएमसीएच के एनआइसीयू में पिछले 12 घंटे में छह नवजात ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं 15 का इलाज चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 01:52 AM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 06:25 AM (IST)
12 घंटे में छह नवजात की मौत, 15 का चल रहा इलाज
12 घंटे में छह नवजात की मौत, 15 का चल रहा इलाज

मुजफ्फरपुर। एसकेएमसीएच के एनआइसीयू में पिछले 12 घंटे में छह नवजात ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं, 15 का इलाज चल रहा है। शिवहर श्यामपुर फुलकहां के अजय राय का पुत्र, पारू रामचंद्रपुर के शंकर पटेल के जुड़वा दो बच्चे, मीनापुर पानापुर के अरुण मल्लिक का पुत्र, मोतीपुर बरियापुर मुकेश राम का पुत्र और अहियापुर भीखनपुर के शेखर कुमार के पुत्र की मौत हो गई। चिकित्सकों के मुताबिक मृत सभी नवजात जन्म से ही सांस की बीमारी से ग्रसित और काफी कमजोर थे। इनका समुचित इलाज किया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।

शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि गर्भधारण के बाद समुचित जांच व नियमित चिकित्सीय परामर्श जरूरी है। इसके साथ ही गर्भवती को पौष्टिक आहार भी जरूरी है। जांच व पौष्टिक आहार नहीं लेने से नवजात कम वजन व कई बीमारियों से ग्रसित होते हैं। अधिकतर को तो बचा लिया जाता है, लेकिन गंभीर नवजात अथक प्रयास के बाद भी दम तोड़ देते हैं।

सूत्रों की मानें तो नार्मल डिलीवरी कराने के लिए पेट पर दबाव डालने आदि अपनाई जा रही प्रक्रिया भी नवजात को जन्म से ही सांस की बीमारी में सहायक बन रही है। नवजात जन्म के समय रोता नहीं है और उसे सांस लेने में भी परेशानी होती है। इसके साथ ही गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच न कराने और खान-पान पर विशेष ध्यान नहीं देने से बच्चा कमजोर होता है। जन्म के बाद उसे क्योर होने में दिक्कत होती है। एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही कहते हैं कि अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों को जांच से दवा तक की सुविधा मुफ्त उपलब्ध कराई जाती है। इन्हें कोई भी दवा बाजार से नहीं खरीदनी पड़ती है। वहीं चिकित्सकों द्वारा समुचित इलाज किया जाता है।

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