हसनपुर के 'श्रीकृष्ण' को आई अपनों की याद, वीडियो कांफ्रेंसिंग से दवा-डॉक्टर के बारे में पूछा

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तथा हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव ने इस कोरोना महामारी के दौरान अपने क्षेत्र के लोगों का हाल जानने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारियों से वीडियो कांफेंसिंग के माध्यम से बात की। अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 07:15 AM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 07:15 AM (IST)
हसनपुर के 'श्रीकृष्ण' को आई अपनों की याद, वीडियो कांफ्रेंसिंग से दवा-डॉक्टर के बारे में पूछा
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जीत हासिल करने के बाद वे एक बार ही क्षेत्र में आए हैं। फोटो: ट्विटर

मुजफ्फरपुर, ऑनलाइन डेस्क। समस्तीपुर की हसनपुर विधानसभा सीट से राजद विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव को अपनी जनता की याद आई है। उन्होंने कोरोना महामारी के इस कठिन काल में क्षेत्र के अस्पतालों में उपलब्ध दवाओं व डॉक्टर की उपलब्धता के बारे में प्रखंड विकास अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात की है। इस दौरान उन्होंने लोगों की परेशानी को कम से कम करने के लिए सुविधाएं बढ़ाने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया है। अपने ट्विटर अकाउंट से उन्होंने इसकी जानकारी शेयर की है।

आज शाम अपने विस. क्षेत्र के तीनों प्रखंडों के BDO से Video Conferencing के ज़रिए तमाम अस्पतालों के स्थिति का जानकारी लिया एवं जो कुछ भी कमियाँ है उसे अतिशीघ्र ठीक कराने का निर्देश दिया। pic.twitter.com/DP07QBRjkS— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) May 19, 2021

खुद को श्रीकृष्ण घोषित कर चुके तेज प्रताप यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के समय समस्तीपुर की हसनपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। इसके बाद से क्षेत्र के लोगों की उम्मीदें काफी बढ़ गई थीं, लेकिन जीत दर्ज करने के बाद लोगों को श्रीकृष्ण के दर्शन ही नहीं हुए। गुजरे सात माह में एक बार आए भी तो कुछ देर के लिए। ऐसे में लोग अपना दुखड़ा किसके सामने राेते। यूं तो कोरोना की इस महामारी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, लेकिन अपेक्षाकृत कम संसाधन वाले इस क्षेत्र की हालत और खराब हो गई है। न जांच की सुविधा, न इलाज की व्यवस्था। जिला मुख्यालय से काफी दूरी होने के कारण सदर अस्पताल का लाभ भी मिल पा रहा। टीकाकारण की रफ्तार भी मंद है। ऐसे में लोग खुद को बेसहारा महसूस कर रहे थे। इस बीच उन्होंने अपने क्षेत्र के तीनों बीडीओ से क्षेत्र के बारे में जानकारी हासिल कर लोगों में उम्मीद की किरण जगा दी है। हालांकि इसका लोगों को मिलने वाली सुविधाओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा? यह देखने वाली बात होगी। क्षेत्र में उनकी कम उपस्थिति को लेकर विरोधी दल के लोग तरह-तरह से इनकी आलोचना भी कर रहे हैं। लोगों की अनदेखी करने और क्षेत्र से वादाखिलाफी की बात कह रहे हैं। 

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