नवरुणा अपहरणकांड की गुत्थी सुलझानेवाले को 10 लाख का इनाम, पिता ने CBI को ले कही बड़ी बात

18 सितंबर 2012 को जवाहरलाल रोड स्थित आवास से हुआ था अतुल्य चक्रवर्ती की पुत्री नवरुणा का अपहरण। 26 नवंबर 2012 को घर के सामने नाले में मिली थी लाश। फरवरी 2014 से जांच कर रही CBI ।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 06 Nov 2019 04:40 PM (IST) Updated:Wed, 06 Nov 2019 11:13 PM (IST)
नवरुणा अपहरणकांड की गुत्थी सुलझानेवाले को 10 लाख का इनाम, पिता ने CBI को ले कही बड़ी बात
नवरुणा अपहरणकांड की गुत्थी सुलझानेवाले को 10 लाख का इनाम, पिता ने CBI को ले कही बड़ी बात

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सूबे में चर्चित मुजफ्फरपुर के जवाहरलाल रोड निवासी अतुल्य चक्रवर्ती की पुत्री नवरुणा अपहरणकांड व घर के सामने लाश मिलने की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की ओर से मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई है। बुधवार को शहर के विभिन्न हिस्सों में आरक्षी अधीक्षक, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो विशेष अपराध शाखा, पटना की ओर से जारी पोस्टर चस्पा किया गया। पोस्टर पर एजेंसी ने अपना नंबर 0612-2235588, 2235599 व 9470488533 जारी किया है।  

पोस्‍टर में बताया गया है कि नवरुणा चक्रवर्ती (12) का अपहरण 18/19 सितंबर 2012 को जवाहरलाल रोड स्थित उसके पैतृक आवास से खिड़की तोड़ कर लिया गया। 26 नवंबर 2012 को घर के सामने नाले से लाश मिली। यदि कोई भी व्यक्ति नवरुणा के अपहरण व हत्या की गुत्थी सुलझाने में सीबीआई को मदद करेगा तो उसे 10 लाख का इनाम दिया जाएगा। पोस्टर चस्पा होने के साथ एक बार फिर शहर में सनसनी है।  

पिता ने कहा- ब्यूरोक्रेट्स के इशारे पर चल रहा सबकुछ 

इस बीच सीबीआइ की ओर से पोस्टर चस्पा किए जाने की सूचना मिलने के साथ नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती ने कहा - मेरी बेटी का केस भी बिहार के चर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड की तरह चलने लगा। सीबीआइ जांच कम करती है, समय ज्यादा लेती है। इस केस को प्रभावित करने में पुलिस के कई बड़े अधिकारी लगे हैैं। केंद्र के भी एक अधिकारी इसमें शामिल हैैं। ऐसे में क्या उम्मीद करें। यहां तो एजेंसी हमारा नार्को टेस्ट कराने के लिए दबाव बनाती रही और आरोपित बचते रहे। हाल में 20 सितंबर 2019 को पूछताछ के लिए सीबीआइ ने अपने कैंप कार्यालय में बुलाया था। लेकिन, मैैंने कहा कि मैैं आने में असमर्थ हूं। बीमार हूं। पत्नी भी बीमार है। उसके बाद सीबीआइ की ओर से कोई पहल नहीं की गई। मुझे तो लगता है कि इस केस का भी अंजाम ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड की तरह होगा।  

सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मामला 

बता दें कि नवरुणा का अपहरण जवाहरलाल रोड स्थित उसके आवास से 18 सितंबर 2012 को कर लिया गया था। नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। 26 नवंबर को उसके घर के सामने लाश मिली थी। मामला गंभीर होने के बाद फरवरी 2014 में सीबीआइ ने इस मामले की जांच शुरू की। इस बीच इस पूरे प्रकरण की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। सीबीआइ ने कोर्ट से कई बार जांच के लिए वक्त मांगा। इस बीच कोर्ट में चल रहे अवमानना वाद में 10 मई 2019 को कोर्ट ने सीबीआइ को तीन महीने का वक्त जांच पूरी करने के लिए दिया। 21 नवंबर 2019 को यह अवधि पूरी हो रही है। इसी बीच सीबीआइ की ओर से शहर में इनाम वाला इश्तेहार चस्पा किया गया है।   

कहते हैं सीबीअाई के अधिकारी

फरवरी 2014 से मामले की जांच चल रही है। अबतक 100 से ज्यादा लोगों की गवाही हो चुकी है। इनाम से संबंधित पोस्टर चस्पा किया गया है, ताकि जांच को पूरा किया जा सके। कुछ और सूचनाएं सामने आएं। 

- अजय कुमार, डीएसपी, सीबीआई, पटना।

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