एसकेएमसीएच के लिए बनेगा ड्रेनेज प्लान, परिसर में जलजमाव देख सीएम ने दिया निर्देश Muzaffarpur news

400 रुपये का भुगतान किया जाएगा निजी वाहन या प्राइवेट एंबुलेंस से बच्चे को अस्पताल लानेवाले को। भवन की मरम्मत को भी कहा हटाए जाएंगे यहां रखे गए कबाड़।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 19 Jun 2019 09:20 AM (IST) Updated:Wed, 19 Jun 2019 09:20 AM (IST)
एसकेएमसीएच के लिए बनेगा ड्रेनेज प्लान, परिसर में जलजमाव देख सीएम ने दिया निर्देश Muzaffarpur news
एसकेएमसीएच के लिए बनेगा ड्रेनेज प्लान, परिसर में जलजमाव देख सीएम ने दिया निर्देश Muzaffarpur news

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एईएस (एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) से पीडि़त बच्चों का हाल जानने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर एसकेएमसीएच में जलजमाव पर पड़ी। उन्होंने निर्देश दिया कि यहां के लिए ड्रेनेज प्लान तैयार किया जाए। जिससे जलजमाव से मुक्ति मिल सके। उन्होंने जहां-तहां मेडिकल कबाड़ को देखकर हटवाने का निर्देश दिया। साथ ही, जर्जर भवन की मरम्मत को भी कहा। 

  मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में निर्देश दिया कि बच्चों को इलाज के लिए जल्द अस्पताल लाने के लिए निजी एंबुलेंस या फिर भाड़े का वाहन इस्तेमाल किया जा सकता है। इस पर हुए खर्च का भुगतान सरकार करेगी। मंगलवार को उन्होंने यह निर्देश दिया कि निजी वाहन या प्राइवेट एंबुलेंस से भी बच्चे को अस्पताल लानेवाले को चार सौ रुपये का भुगतान किया जाएगा।

पीएमसीएच और डीएमसीएच से चिकित्सक मुजफ्फरपुर भेजे जाएंगे

निरीक्षण के दौरान यह निर्णय हुआ कि पीएमसीएच और डीएमसीएच से अतिरिक्त चिकित्सकों को बच्चों के इलाज के लिए मुजफ्फरपुर भेजा जाए। उनके निर्देश पर मुख्य सचिव ने कहा कि वहां इलाज की पूरी व्यवस्था है, चिकित्सकों की भी तैनाती है, फिर भी आठ चिकित्सकों को मुजफ्फरपुर भेजा जा रहा।

अधिक मामले वाले प्रखंड में अतिरिक्त एंबुलेंस

मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसकेएमसीएच में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए डीएम आलोक रंजन घोष ने कहा कि चार प्रखंडों से अधिक मामले आ रहे। इनमें मुशहरी, कांटी, मीनापुर व बोचहां हैं। इन प्रखंडों में अतिरिक्त एंबुलेंस की व्यवस्था की जाएगी।

सभी घरों तक ओआरएस का पैकेट पहुंचाने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया कि सभी प्रभावित इलाकों में आशा कार्यकर्ता और एएनएम के माध्यम से घरों तक ओआरएस का पैकेट वितरित करवाया जाए। यह मौखिक रूप से भी बताया जाए कि एईएस से बचाव के लिए क्या करना है।

बचाव के कई और उपाय किए जाएंगे

डीएम ने कहा कि बच्चों को बचाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एईएस पीडि़त बच्चों को बचाने के लिए कर्मचारियों को भी लगाया जाएगा। जो बच्चों को शीघ्र स्वास्थ्य केंद्र में लाने में मदद करेंगे। वहीं, जांच के लिए मृत बच्चों के ब्रेन टिश्यू निकाले जाने को लेकर भी विचार किया जाएगा। अगर जरूरत होगी तो इस दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे।  

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