झंझारपुर में कमला खतरा निशान से ऊपर, जयनगर में वॉर्निग लेवल के करीब

मधुबनी। दो दिनों से बारिश नहीं होने से जिले में नदियों का जलस्तर सामान्य है। हालांकि कमला बलान में जलस्तर अब भी खतरनाक स्तर पर बना हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 12:34 AM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2020 12:34 AM (IST)
झंझारपुर में कमला खतरा निशान से ऊपर, जयनगर में वॉर्निग लेवल के करीब
झंझारपुर में कमला खतरा निशान से ऊपर, जयनगर में वॉर्निग लेवल के करीब

मधुबनी। दो दिनों से बारिश नहीं होने से जिले में नदियों का जलस्तर सामान्य है। हालांकि, कमला बलान में जलस्तर अब भी खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। झंझारपुर में इसका जलस्तर 50.15 मीटर तक पहुंच गया है। यह खतरे के निशान से 0.15 मीटर ऊपर है। वहीं जयनगर में कमला के जलस्तर में धीरे-धीरे कमी आने से सीमावर्ती इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है। गुरुवार को कमला नदी का जलस्तर वार्निंग लेवल 68.75 मीटर से नीचे था। डायवर्सन से होकर पानी का तेज बहाव, अवागमन बाधित लदनियां। एनएच 104 में जयनगर-पद्मा के बीच धौरी नदी में जलस्तर बढ़ने से डायवर्सन होकर वाहनों का आवागमन चौथे दिन भी ठप रहा। लदनियां समेत अन्य प्रखंड मुख्यालय का जयनगर अनुमंडल मुख्यालय के बीच सड़क संपर्क भंग होने से आमलोगों में सड़क निर्माण कंपनी एवं कार्यपालक अभियंता एनएच 104 सीतामढ़ी के उदासीन रवैये पर कई सवाल उठने लगा है। ध्यातव्य हो कि 22 जून को कार्यपालक अभियंता एनएच 104 सीतामढ़ी ने मोबाइल फोन पर दावा किया था कि हरहाल में बाढ़ से पूर्व पुल निर्माण कार्य पूरा कर आवागमन बहाल कर दिया जाएगा। जबकि उनका दावा झूठा निकला जब साधारण बारिश में डायवर्सन पर पानी चढ़ जाने से चार दिनों तक लदनियां, लौकही, लौकहा, खुटौना, फुलपरास एवं बाबूबरही के बीच जयनगर अनुमंडल मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग रहा। लोगों का कहना है कि नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में अभी भारी वर्षा नहीं हुई है जिससे नेपाल से निकलने वाली नदी में बाढ़ आ सके। लदनियां प्रखंड के धौरी नदी छोड़कर अन्य नदी की स्थिति सामान्य है। अगर धौरी नदी पर पुल निर्माण कार्य नहीं पूरा हो सका तो वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं हो सका। धौरी नदी में डायवर्सन में पूर्व से कल्वर्ट है। जिसमें पांच हयूम पाइप है। जिसमें तीन हयूम पाइप से ही पानी निकल रहा था। दो हयूम पाइप से पानी निकासी पूर्व से पुल निर्माण कम्पनी द्वारा बन्द कर दिया गया था। अगर सभी हयूम पाइप पानी का निकासी होती तो डायवर्सन पर पानी नहीं चढ़ता। जयनगर से लदनियां समेत अन्य प्रखंडों का सड़क संपर्क भंग नहीं होता।

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