तालाबों की खोजबीन में ही गुजर जाते साल दर साल

मधुबनी। सरकारी बड़ी संख्या में तालाबों की धरातल पर वास्तविक स्थिति की कहानी कुछ और कहती है। अनेकों तालाब धरातल पर नजर नहीं आ रहा है। ऐसे तालाब की खोजबीन में ही वर्षों गुजर जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Aug 2019 11:17 PM (IST) Updated:Sun, 25 Aug 2019 06:32 AM (IST)
तालाबों की खोजबीन में ही गुजर जाते साल दर साल
तालाबों की खोजबीन में ही गुजर जाते साल दर साल

मधुबनी। सरकारी बड़ी संख्या में तालाबों की धरातल पर वास्तविक स्थिति की कहानी कुछ और कहती है। अनेकों तालाब धरातल पर नजर नहीं आ रहा है। ऐसे तालाब की खोजबीन में ही वर्षों गुजर जाते हैं। तालाबों की खोजबीन के प्रति विभाग उदासीन बना रहा। स्वरूप बदल चुके ऐसे तालाब धरातल पर दूर-दूर तक नजर नहीं आता। अब किस्से-कहानियों में ही इसकी चर्चाएं होती है।

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भेजा गांव स्थित एक तालाब का लोगों को नहीं मिल रहा लाभ मधेपुर प्रखंड के भेजा गांव स्थित एक तालाब का लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिल रहा है। चहुंओर भिडा व घाट विहिन इस तालाब की जमीन पर अतिक्रमण देखा जा रहा है। गंदगी से पटे इस तालाब की जमीन का समय-समय पर अतिक्रमण की समस्या भी सामने आते रहे हैं। लेकिन इस दिशा में संबंधित विभाग की उदासीनता से तालाब की भूखंड को अतिक्रमणकारियों के कब्जे में जाने से नहीं बचाया जा रहा है। स्थानीय लोगों को कहना है कि बरसात के दिनों में भेजा सहित प्रखंड के अन्य तालाबों में वर्षा जल का समुचित ढंग से संचय नही होने से के सूखे तालाब की स्थिति और सूखा होता ही जा रहा है। तालाब जलकुंभी से पट चुका है। वर्षा जल संचय का कोई ठोस विकल्प नजर नहीं आ रहा है। अतिक्रमित तालाबों कूड़ा-कर्कट से भरे पड़े नजर आते हैं। तालाबों को मुक्त कराकर फिर से इसे जीवित करने की जरुरत है।

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दोनवारी तालाब का सौंदर्यीकरण की दरकार लदनियां प्रखंड के कुमरखत पूर्वी पंचायत के दोनवारी गांव के प्राथमिक विद्यालय स्थित तालाब के सौंदर्यीकरण की जरूरत है। गर्मी के दिनों में इस तालाब को पूरी तरह सूखने से स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पशुपालकों के समक्ष पशुओं के पीने के पानी के लिए कठिनाई होने लगती है। लदनियां प्रखंड के करीब दो दर्जन से अधिक सरकारी तालाबों की हालत खराब बनी है। कभी जल से लबालब ऐसे तालाब पिछले कई वर्षों से खुद प्यासा है। जल के मुख्य स्रोत के रूप में तालाबों की जमीन का अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है।

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सरकारी तालाबों की रखरखाव के लिए विभाग सजग जिला मत्स्य पदाधिकारी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सूर्य प्रकाश राम ने बताया कि जिले के साढ़े चार हजार से अधिक सरकारी तालाबों पर विभाग की नजर बनी हुई है। सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में सरकारी तालाबों की रखरखाव के लिए विभाग पूरी तरह मुस्तैद है। तालाबों के अतिक्रमण की शिकायतों को गंभीरता से निपटारा किया जाता है। किसी भी तालाब को अतिक्रमण से लोगों को बचना चाहिए। विभाग तालाबों को जीवित करने के लिए अपने स्तर से कार्य कर रही है। लोगों को तालाबों के अतिक्रमण से बचते हुए इसकी रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। विभाग लोगों की शिकायत पर गौर करते हुए समुचित कार्रवाई की जाएगी।

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